आज २३ दिसम्बर मल्लिका ए तरन्नुम नूरजहां की ११ वीं बरसी है.उन्होंने 1935 में सिर्फ़ नौ वर्ष की उम्र में कलकत्ता में ‘शीला या पिंड दी कुड़ी’ में सिर्फ़ एक गाने की झलक दिखा कर स्पष्ट कर दिया कि वह भविष्य की महान कलाकार हैं.
‘फ़ख़्रे इस्लाम’, ‘मिस्टर 420’, ‘मिस्टर ऐंड मिसेज़ मुंबई’, ‘हीर सयाल’, ‘ससी पन्नू’, और ‘इम्पीरियल मेल’, से ही यह स्पष्ट हो गया था कि उन की आवाज़ के बिना फ़िल्म हिट कराना आसान काम नहीं है.
मुम्बई में नूरजहाँ की सुपरहिट फ़िल्मों में अमरनाथ की ‘गांव की गोरी’ शौकत हुसैन रिज़्वी की ‘ज़ीनत’ और महबूब की गीतों से सजी रोमांटिक फ़िल्म ‘अनमोल घड़ी’ के नाम लिए जा सकते हैं.
अपने जीवन के २१वें साल में नूरजहाँ ने भारत और हिन्दी फिल्में छोड़ दी और बँटवारे की वजह से पाकिस्तान चली गई. कई हिट गाने उन्होंने गाये.
रेडियो प्लेबैक इंडिया की तरफ से नूरजहाँ को श्रधान्जली.
‘फ़ख़्रे इस्लाम’, ‘मिस्टर 420’, ‘मिस्टर ऐंड मिसेज़ मुंबई’, ‘हीर सयाल’, ‘ससी पन्नू’, और ‘इम्पीरियल मेल’, से ही यह स्पष्ट हो गया था कि उन की आवाज़ के बिना फ़िल्म हिट कराना आसान काम नहीं है.
मुम्बई में नूरजहाँ की सुपरहिट फ़िल्मों में अमरनाथ की ‘गांव की गोरी’ शौकत हुसैन रिज़्वी की ‘ज़ीनत’ और महबूब की गीतों से सजी रोमांटिक फ़िल्म ‘अनमोल घड़ी’ के नाम लिए जा सकते हैं.
अपने जीवन के २१वें साल में नूरजहाँ ने भारत और हिन्दी फिल्में छोड़ दी और बँटवारे की वजह से पाकिस्तान चली गई. कई हिट गाने उन्होंने गाये.
रेडियो प्लेबैक इंडिया की तरफ से नूरजहाँ को श्रधान्जली.
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