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अनूठा घन-वाद्य जलतरंग

स्वरगोष्ठी – 163 में आज संगीत वाद्य श्रृंखला - 1 जल भरे प्यालों से उपजे स्वर-तरंग अर्थात मनोहर संगीत वाद्य जलतरंग ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज एक नवीन श्रृंखला के प्रथम अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, सभी संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। मित्रों, इस लघु श्रृंखला में हम आपसे भारतीय संगीत के कुछ अनूठे वाद्यों की चर्चा करेंगे। वर्तमान में प्रचलित अनेक वाद्य हैं जो प्राचीन वैदिक परम्परा से जुड़े हैं और समय के साथ क्रमशः विकसित होकर हमारे सम्मुख उपस्थित हैं। कुछ ऐसे भी वाद्य हैं जिनकी उपयोगिता तो है किन्तु धीरे-धीरे अब ये लुप्तप्राय हो रहे हैं। इस श्रृंखला में हम कुछ लुप्तप्राय और कुछ प्राचीन वाद्यों के परिवर्तित व संशोधित स्वरूप में प्रचलित वाद्यों का उल्लेख करेंगे। श्रृंखला की पहली कड़ी में आज हम आपसे एक प्राचीन वाद्य ‘जलतरंग’ की चर्चा करेंगे। जल से भरे विभिन्न स्वरों के छोटे-बड़े प्यालों पर आघात कर संगीत उत्पन्न करने वाले इस वाद्य के आज देश में कुछ गिने-चुने वादक ही हैं। आज के अंक में आपको इस वाद्य के दो प्रत