रवीन्द्र जैन को श्रद्धांजलि ’तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी’ विशेष "मन की आँखें हज़ार होती हैं " ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी दोस्तों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार! दोस्तों, किसी ने सच ही कहा है कि यह ज़िन्दगी एक पहेली है जिसे समझ पाना नामुमकिन है। कब किसकी ज़िन्दगी में क्या घट जाए कोई नहीं कह सकता। लेकिन कभी-कभी कुछ लोगों के जीवन में ऐसी दुर्घटना घट जाती है या कोई ऐसी विपदा आन पड़ती है कि एक पल के लिए ऐसा लगता है कि जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया। पर निरन्तर चलते रहना ही जीवन-धर्म का निचोड़ है। और जिसने इस बात को समझ लिया, उसी ने ज़िन्दगी का सही अर्थ समझा, और उसी के लिए ज़िन्दगी ख़ुद कहती है कि तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी। आज का यह अंक समर्पित है गीतकार, संगीतकार, कवि और गायक रवीन्द्र जैन की स्मृति को जिनका कल 9 अक्टुबर को मुंबई के लीलावती अस्पताल में निधन हो गया। 28 फ़रवरी 1944 के दिन पंडित इन्द्रमणि ज्ञान प्रसाद जी के घर एक बच्चे का जन्म हुआ। परिवार में ख़ुशी का ठिकाना ना रहा। पर जल्द ही यह पता चला कि उस बच्चे की आँखें बन्द ...