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राग मारू बिहाग : SWARGOSHTHI – 410 : RAG MARU BIHAG

स्वरगोष्ठी – 410 में आज कल्याण थाट के राग – 8 : राग मारू बिहाग उस्ताद फ़ैयाज़ खाँ से राग मारू बिहाग का खयाल और इस राग में पिरोया फिल्म सेहरा का गीत सुनिए उस्ताद फ़ैयाज़ खाँ मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर “रेडियो प्लेबैक इण्डिया” के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी लघु श्रृंखला “कल्याण थाट के राग” के आठवें अंक में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। भारतीय संगीत के अन्तर्गत आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट-व्यवस्था है। भारतीय संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 स्वरों में से कम से कम 5 स्वरों का होना आवश्यक है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार 7 मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते हैं। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में 10 थाट का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रचलन पण्डित विष्णु न...

राग मारूविहाग : SWARGOSHTHI – 376 : RAG MARUVIHAG

स्वरगोष्ठी – 376 में आज राग से रोगोपचार – 5 : रात्रि के पहले प्रहर का राग मारूविहाग सामान्य चिन्ता को दूर भगाया जा सकता है, राग मारूविहाग के स्वरों से मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर उस्ताद फ़ैयाज़ खाँ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी श्रृंखला “राग से रोगोपचार” की पाँचवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, इस श्रृंखला के लेखक, संगीतज्ञ और इसराज तथा मयूरवीणा के सुविख्यात वादक पण्डित श्रीकुमार मिश्र के साथ आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। मानव का शरीर प्रकृति की अनुपम देन है। बाहरी वातावरण के प्रतिकूल प्रभाव से मानव के तन और मन में प्रायः कुछ विकृतियाँ उत्पन्न हो जाती हैं। इन विकृतियों को दूर करने के लिए हम विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों की शरण में जाते हैं। पूरे विश्व में रोगोपचार की अनेक पद्धतियाँ प्रचलित है। भारत में हजारों वर्षों से योग से रोगोपचार की परम्परा जारी है। प्राणायाम का तो पूरा आधार ही श्वसन क्रिया पर केन्द्रित होता है। संगीत में स्वरोच्चार भी श्वसन क्रिया पर केन्द्रित होते हैं...