'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में कान्ता राॅय की लघुकथा चेहरा का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं उषा भदौरिया की लघुकथा "नाव का धर्म" , जिसे स्वर दिया है, पूजा अनिल ने। इस रचना का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 27 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। उषा भदौरिया: उभरती हुई हिंदी लेखिका, लंदन में निवास। हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी "तेरे जीजू दो दिन के लिये बाहर गये हैं।" ( उषा भदौरिया की "नाव का धर्म" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाउनलोड कर लें: