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चरणदास को जो पीने की आदत न होती...सामाजिक जिम्मेदारियों को भी निभाते थे "गोल्डन इरा" के गीतकार

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 96 आ सी. रामचन्द्र और किशोर कुमार के संगम से बने दो "गोल्ड" गीत अब तक हमने इस शृंखला में शामिल किया हैं, एक फ़िल्म 'आशा' से और दूसरी फ़िल्म 'पायल की झंकार' से। इन दोनो गीतों का रंग एक दूसरे से बिलकुल अलग था। आज भी हम इन दो महान फ़नकारों की एक रचना पेश कर रहे हैं लेकिन यह गीत ना तो फ़िल्म 'आशा' के " ईना मीना डीका " से मिलता जुलता है और ना ही 'पायल की झंकार' के " मुखड़े पे गेसू आ ही गये आधे इधर आधे उधर " का इस पर कोई प्रभाव है। आज का यह गीत है १९५४ की फ़िल्म 'पहली झलक' का - "चरणदास को पीने की जो आदत ना होती, तो आज मिया बाहर बीवी अंदर ना सोती"। 'पहली झलक' के निर्देशक थे एम. वी. रमण और इसमें मुख्य भूमिकायें निभायी किशोर कुमार और वैजयंतीमाला ने। यह बताना ज़रूरी है कि रमण साहब ने १९५७ में जब 'ईना मीना डीका" वाली 'आशा' बनायी, तो उसमें भी किशोर कुमार और वैजयंतीमाला को ही कास्ट किया था। 'पहली झलक' में किशोर कुमार जैसे गायक अभिनेता के होने के बावजूद फ़िल्म मे