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होली विशेष:: श्रीदेवी पर फ़िल्माया संभवत: एकमात्र होली गीत

होली विशेष : श्रीदेवी पर फ़िल्माया एकमात्र होली गीत "होली आयी रे, आयी रे, रंग बरसे.." ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का नमस्कार! आप सभी को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ। इस अवसर पर अभिनेत्री श्रीदेवी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए आइए सुनें उन पर फ़िल्माया हुआ सम्भवत: एकमात्र होली गीत। यह गीत है 1979 की फ़िल्म ’सोलवाँ सावन’ का, जो श्रीदेवी की बतौर नायिका पहली हिन्दी फ़िल्म रही। इस गीत को गाया है वाणी जयराम और साथियों ने, गीत लिखा है नक्श ल्यालपुरी ने, और संगीतबद्ध किया है जयदेव ने। प्रस्तुति : सुजॉय चटर्जी  रेडियो प्लेबैक इण्डिया  

चित्रकथा - 4: आशा के बाद ओ. पी. नय्यर की पार्श्वगायिकाएँ

अंक - 4 आशा के बाद ओ. पी. नय्यर की पार्श्वगायिकाएँ “ हम कैसे बतायें तक़दीर ने हमको ऐसा मारा.. ” 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं है। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। हमारी दिलचस्पी का आलम ऐसा है कि हम केवल फ़िल्में देख कर या गाने सुनने तक ही अपने आप को सीमित नहीं रखते, बल्कि फ़िल्म संबंधित हर तरह की जानकारियाँ बटोरने का प्रयत्न करते रहते हैं। इसी दिशा में आपके हमसफ़र बन कर हम आते हैं हर शनिवार ’चित्रकथा’ लेकर। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ के ती

"मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोय", जनमाष्टमी पर फ़िल्म 'मीरा' के संगीत से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

एक गीत सौ कहानियाँ - 38   ‘मेरे तो गिरिधर गोपाल . ..’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'।  इसकी 38वीं कड़ी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पवित्र अवसर पर आज जानिये फ़िल्म 'मीरा' में वाणी जयराम का गाया भजन "मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोय..."। भ क्तिरस

विविध रागों में निबद्ध मीरा का एक भक्तिपद

स्वरगोष्ठी – 146 में आज रागों में भक्तिरस – 14 ‘एरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरा दर्द न जाने कोय...’   ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की चौदहवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीतानुरागियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मित्रों, जारी श्रृंखला के अन्तर्गत अब तक हम आपके लिए भारतीय संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर चुके हैं। साथ ही उस राग पर आधारित फिल्म संगीत के उदाहरण भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला की आज की कड़ी में हम कुछ बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं। आज हम आपको भक्त कवयित्री मीराबाई का एक भजन प्रस्तुत करेंगे जिसे अलग-अलग गायिकाओं के स्वरों में और विभिन्न रागों में पिरोया गया है। हम आपको मीरा का यह कृष्णभक्ति से परिपूर्ण पद क्रमशः गायिका वाणी जयराम, लता मंगेशकर, गीता दत्त और सुमन कल्याणपुर की आवाज़ों में सुनवाएँगे। एक ही भजन को चार अलग-अलग आवाज़ों और धुनों में सुन कर आपको भजन की भावभिव्यक्ति और रस की ग्राह्यता में अन्तर करने का अव