मोहम्मद रफ़ी एक ऐसा नाम है जिसे किसी परिचय की जरूरत नहीं.आज २४ दिसम्बर रफ़ी साहब का ८४ वाँ जन्मदिन है.
हिन्दी सिनेमा के श्रेष्ठतम पार्श्व गायकों में से एक थे.इन्हें शहंशाह-ए-तरन्नुम भी कहा जाता था.१९४० के दशक से आरंभ कर १९८० तक तक इन्होने कुल २६००० गाने गाए.जिन अभिनेताओं पर उनके गाने फिल्माए गए उनमें गुरु दत्त, दिलीप कुमार, देव आनंद, भारत भूषण, जॉनी वॉकर, जॉय मुखर्जी, शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, जीतेन्द्र तथा ऋषि कपूर के अलावे गायक अभिनेता किशोर कुमार का नाम भी शामिल है. हिन्दी के अलावा आपने अन्य भाषाओं में भी गाया.
नौशाद द्वारा सुरबद्ध गीत तेरा खिलौना टूटा (फ़िल्म अनमोल घड़ी) से रफ़ी को प्रथम बार हिन्दी जगत में प्रसिद्धि मिली.१९५१ में जब नौशाद फ़िल्म बैजू बावरा के लिए गाने बना रहे थे तो उन्होने अपने पसंदीदा गायक तलत महमूद से गवाने की सोची थी.कहा जाता है कि उन्होने एक बार तलत महमूद को धूम्रपान करते देखकर अपना मन बदल लिया और रफ़ी से गाने को कहा.बैजू बावरा के गानों ने रफ़ी को मुख्यधारा गायक के रूप में स्थापित किया.
उन्होंने ६ बार फिल्म फेअर का सर्वश्रेष्ठ गायक का ख़िताब जीता.भारत सरकार की और से उन्हें पद्मश्री की उपाधी दी गयी.
केवल ५६ वर्ष की उम्र में रफ़ी साहब इस दुनिया को अलविदा कह गए.
बड़ा मुश्किल है रफ़ी साहब के दस गाने चुनना. फिर भी रेडियो प्लेबैक इंडिया की तरफ से पेश हैं १० गाने उनके जन्मदिन पर.
हिन्दी सिनेमा के श्रेष्ठतम पार्श्व गायकों में से एक थे.इन्हें शहंशाह-ए-तरन्नुम भी कहा जाता था.१९४० के दशक से आरंभ कर १९८० तक तक इन्होने कुल २६००० गाने गाए.जिन अभिनेताओं पर उनके गाने फिल्माए गए उनमें गुरु दत्त, दिलीप कुमार, देव आनंद, भारत भूषण, जॉनी वॉकर, जॉय मुखर्जी, शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, जीतेन्द्र तथा ऋषि कपूर के अलावे गायक अभिनेता किशोर कुमार का नाम भी शामिल है. हिन्दी के अलावा आपने अन्य भाषाओं में भी गाया.
नौशाद द्वारा सुरबद्ध गीत तेरा खिलौना टूटा (फ़िल्म अनमोल घड़ी) से रफ़ी को प्रथम बार हिन्दी जगत में प्रसिद्धि मिली.१९५१ में जब नौशाद फ़िल्म बैजू बावरा के लिए गाने बना रहे थे तो उन्होने अपने पसंदीदा गायक तलत महमूद से गवाने की सोची थी.कहा जाता है कि उन्होने एक बार तलत महमूद को धूम्रपान करते देखकर अपना मन बदल लिया और रफ़ी से गाने को कहा.बैजू बावरा के गानों ने रफ़ी को मुख्यधारा गायक के रूप में स्थापित किया.
उन्होंने ६ बार फिल्म फेअर का सर्वश्रेष्ठ गायक का ख़िताब जीता.भारत सरकार की और से उन्हें पद्मश्री की उपाधी दी गयी.
केवल ५६ वर्ष की उम्र में रफ़ी साहब इस दुनिया को अलविदा कह गए.
बड़ा मुश्किल है रफ़ी साहब के दस गाने चुनना. फिर भी रेडियो प्लेबैक इंडिया की तरफ से पेश हैं १० गाने उनके जन्मदिन पर.
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