पिछले दिनों हमने आवाज़ पर मन्ना डे का जिक्र किया था,हमारे कुछ श्रोताओं ने फरमाईश की,कि हम उन्हें मन्ना डे की आवाज़ में प्रस्तुत हरिवंश राय बच्चन रचित मधुशाला की रिकॉर्डिंग सुनवाएं. ये भी एक संयोग ही है कि अभी कुछ दिन पहले ही बच्चन जी पुण्यतिथि पर हमने उनकी एक कविता "क्या भूलों क्या याद करूँ ..." का स्वरबद्ध रूप भी सुनवाया था. तो आज आनंद लीजिये मन्ना डे की गहरी डूबती आवाज़ में मधुशाला के रंगों का. प्रस्तुति सहयोग - विश्व दीपक "तन्हा"