Skip to main content

Posts

Showing posts with the label sujaat khan

जो खुद को आज़ाद कहे, वो सबसे बड़ा झूठा है... अनीला की आवाज़ में सुनिए क़तील साहब का बेबाकपन

महफ़िल-ए-ग़ज़ल #८३ इ स महफ़िल में बस गज़ल की बातें होनी चाहिए, हम यह बात मानते हैं, लेकिन आज हालात कुछ ऐसे हैं कि हमसे रहा नहीं जा रहा। भारतीय क्रिकेट टीम ट्वेंटी-ट्वेंटी के विश्व कप से बाहर हो गई... बाहर होना तो एक बात है, यहाँ तो इस टीम ने पूरी तरह से घुटने टेक दिए। तीनों के तीनों मैच रेत की तरह मुट्ठी से गंवा दिए। सीरिज से पहले तो हज़ार तरह के वादे किए गए थे लेकिन आखिरकार हुआ क्या.. पिछली साल की तरह हीं बेरंग लौट आई यह टीम। एक ऐसे देश में जहाँ क्रिकेट को धर्म माना जाता है, वहाँ धर्म की इस तरह क्षति हो तो एक आस्तिक क्या करे.... उसके दिल को ठेस तो लगेगी हीं। लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं। कुछ दिनों तक इस हार को याद रखेंगे फिर उसी जोश उसी खरोश के साथ भारतीय टीम के अगले मैच को देखने के लिए तैयार हो जाएँगे। हम हैं हीं ऐसे... लेकिन इन्हीं कुछ दिनों के दरम्यान जितने भी पल, जितने भी घंटे हैं, हमारे लिए वो तो ग़मगीन हीं गुजरेंगे ना। और फिर इसी दौरान आपको अगर ग़ज़ल की महफ़िल सजानी हो तो माशा-अल्लाह.... आपका तो भगवान हीं मालिक है। हमारी आज की मन:स्थिति सौ फ़ीसदी ऐसी हीं है। समझ नहीं आ रहा कि ह...