'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने प्राख्यात ब्लॉगर अर्चना चावजी की आवाज़ में उन्हीं की मार्मिक कहानी " मुनिया का बचपन का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अमर साहित्यकार बाबा नागार्जुन द्वारा 1935 में लिखी हृदयस्पर्शी कहानी " असमर्थ दाता , जिसको स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 11 मिनट 26 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। एक पूत भारतमाता का, कन्धे पर है झन्डा पुलिस पकड कर जेल ले गई, बाकी बच गया अंडा। ~ वैद्यनाथ मिश्र "नागार्जुन" (३० जून १९११ - ५ नवंबर १९९८) हर शुक्रवार को यहीं पर सुनें एक नयी कहानी एक नौ-दस साल की मैली-कुचैली लड़की मेरे कुर्ते का पिछला पल्ला पकड़कर गिड़गिड़ा रही थी, "बाबू...