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आयी फरिश्तों की मीठी आवाज़...मैरी क्रिसमस

इस क्रिसमस पर शास्त्री जे सी फिलिप का विशेष संदेश दुनिया में लगभग हर कौम को कभी न कभी गुलामी देखनी पडी है. और लगभग हर कौम ने गुलामी करवाने वालों के विरुद्ध बगावत की है. ऐसी ही एक खुनी बगावत के लिए मशहूर है कौम यहूदियों की भी. ईस्वी पूर्व 42 की बात है, धनी यहूदियों पर एक शक्तिशाली गैर-यहूदी का राज्य हो गया. हेरोद-महान नामक यह गैर-यहूदी राजा जानता था कि यहूदियों से लोहा लेना आसान नहीं है अत: उसने हर तरह से यहूदियों को प्रसन्न रखा. राजकाज ठीक से चलता रहा. लेकिन लगभग तीन दशाब्दी राज्य करने के बाद उसके राज्य की नींव हिलने लगी. उसने अपनी शक्तिशाली गुप्तचर सेना की सहायता से हर शत्रु का उन्मूलन कर दिया और राज्य अपने हाथ से न जाने दिया. उसकी क्रूरता के कारण यहूदी फिर दब कर रहने लगे. रहस्यमय राजनैतिक हत्यायें चलती रहीं और उसके परिवार के कई प्रतिद्वन्दी एक एक करके लुप्त होने लगे. हेरोद और उसकी गुप्तचर सेना के मारे हर कोई थर्राता था. अचानक एक दिन एक दुर्घटना हुई और हर यहूदी का कलेजा मुँह को आ गया. उस दिन यहूदियों के देश के पूर्वी देशों से विद्वानों का एक बडा काफिला हेरोद-महान के दरबार पहुंचा और बत...