गीतों से परे हो मन, भला कहाँ संभव है.... तो आज के ब्लौगर हैं एम् वर्मा जी... जिनके जज़्बात ब्लॉग से सभी परिचित हैं, (अगर नहीं हैं तो आज हो जाईये, ये रहे छायाकार ब्लोग्गर एम् वर्मा के जज़्बात ) आज उनकी पसंद के मुश्किल से निकाले गए ५ गानों से परिचित हों रश्मि जी, सादर, मेरे पसंद के पांच गीत - इन गीतों का मेरे जीवन से सम्बन्ध है या नहीं पर इंसान के / इंसानियत के / वतन के और मानावीय संवेदनाओ के अत्यंत निकट प्रतीत होते हैं. इसके अलावा ये कर्णप्रिय और सुमधुर संगीत से भी सुसज्जित हैं. मेरी दृष्टि में ये अमर गीत हैं. ऐ मेरे वतन के लोगो.... आज इंसान को ये क्या हो गया... मौसम है आशिकाना... जिंदगी प्यार का गीत है... जीना यहाँ मरना यहाँ....