Skip to main content

Posts

Showing posts with the label दीपक मशाल

बोलती कहानियाँ: बेचैनी (लघुकथा)

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में शरद जोशी के व्यंग्य रेल यात्रा " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है दीपक मशाल  की लघुकथा बेचैनी , जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत लघुकथा " बेचैनी " का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 26 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कुछ बड़े लोगों से मिला था कभी, तबसे कोई बड़ा नहीं लगता इतनी बौनी है दुनिया कि कोई, खड़ा हुआ भी खड़ा नहीं लगता  ~ दीपक मशाल हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "हाँ जी पहुँच गये हैं गेट पर।”  ( दीपक मशाल की लघुकथा "बेचैनी" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. ...