मैं अमर के शब्दचित्र में उतरी एक छोटी-सी कविता हूँ, है फख्र कि मैं भी उस जैसा कई लोकों का रचयिता हूँ। कहना है विश्व दीपक "तन्हा" का. विश्व दीपक "तन्हा",एक कवि के रूप में इन्टरनेट पर एक ऐसा नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नही है,अपनी कविताओं और कहानियो से एक उभरते हुए साहित्यकर्मी के रूप में अपनी पहचान बनने वाले "तन्हा",का लिखा पहला स्वरबद्ध गीत " मेरे सरकार ",पिछले हफ्ते आवाज़ पर ओपन हुआ,और बेहद सराहा गया,आईये मिलते हैं,कवि कथाकार और गीतकार विश्व दीपक तन्हा से,जो हैं इस हफ्ते हिंद युग्म,आवाज़ के उभरते सितारे - अपने बारे में ज्यादा क्या बताऊँ? एक संक्षिप्त परिचय यानि कि intro दे देता हूँ बस । जन्म बिहार के सोनपुर में हुआ, दिनांक २२ फरवरी १९८६ को। अब मैं अपने सोनपुर से आप सब को अवगत करा देता हूँ। मेरा/हमारा सोनपुर हरिहरक्षेत्र के नाम से विख्यात है, जहाँ हरि और हर एक साथ एक हीं मूर्त्ति में विद्यमान है और जहाँ एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है। पूरा क्षेत्र मंदिरों से भरा हुआ है। इसलिए बचपन से हीं धार्मिक माहौल में रहा। लेकिन मैं कभी भी पूर्णतया धार्म