स्वरगोष्ठी – 414 में आज     बिलावल थाट के राग – 2 : राग पहाड़ी         बेगम परवीन सुलताना से राग पहाड़ी की रचना और लता जी से इस राग में पिरोया फिल्मी गीत सुनिए              परवीन  सुलताना     लता मंगेशकर   “रेडियो  प्लेबैक इण्डिया” के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर हमारी  श्रृंखला “बिलावल थाट के राग” की दूसरी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब  संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। भारतीय संगीत के अन्तर्गत  आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट-व्यवस्था है। भारतीय  संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग  होता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 स्वरों में से कम से कम 5  स्वरों का होना आवश्यक है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है।  सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार 7 मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट  कहते हैं। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72  मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में 10 थाट का प्रयोग  किया जाता है। इसका प्रचलन पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे जी ने प्रारम...
