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Showing posts with the label songs 2013

'गन्दी बात' में भी बहुत कुछ अच्छा है प्रीतम दा के साथ

बॉ लीवुड में दक्षिण की सफल फिल्मों का रिमेक जोरों पे जारी है. सभी बड़े सुपर स्टार जैसे सलमान, अजय देवगन, अक्षय कुमार आदि इन फिल्मों से सफलता का स्वाद चख चुके हैं, अब शाहिद कपूर भी आ रहे हैं रेम्बो राजकुमार बनकर....ओह माफ कीजियेगा आर...राजकुमार बनकर. फिल्म के नाम में रेम्बो का इस्तेमाल वर्जित (कोपीराईट कारणों से) होने के कारण फिल्म के नाम में ये बदलाव करना पड़ा. फिल्म में संगीत है हिट मशीन प्रीतम का, आईये नज़र डालें इस फिल्म के एल्बम पर, और जानें कि संगीत प्रेमियों के लिए क्या है इस एक्शन कोमेडी फिल्म के गीतों में.  एल्बम के पहले तीन गीत पूरी तरह से दक्षिण के तेज रिदम वालों गीतों से प्रेरित हैं. इनमें प्रीतम की झलक कम और दक्षिण के संगीतकारों की छवि अधिक झलकती है. पहला गीत गन्दी बात एक मस्त मलंग गीत है जिसकी ताल और धुन इतनी जबरदस्त है कि सुनकर कोई भी खुद को कदम थिरकाने से नहीं रोक पायेगा. अनुपम अमोद के शब्द चटपटे हैं और कुछ पारंपरिक श्रोताओं को आपत्तिजनक भी लग सकते हैं. मिका की आवाज़ इस गीत के लिए एकदम सही चुनाव है पर गीत का सुखद आश्चर्य है कल्पना पटोवरी की जोशीली आवाज़ जिसन...

सोनू निगम ने सुर जोड़े 'सिंह साहेब' की ललकार में

स न्नी देओल निर्देशक अनिल शर्मा के साथ जोड़ीबद्ध होकर लौटे हैं एक बार फिर, जिनके साथ वो ग़दर -एक प्रेम कथा , और अपने जैसी हिट संगीतमयी फ़िल्में दे चुके हैं. सिंह साहेब द ग्रेट में अनिल ने चुना है सोनू निगम को जो इस फिल्म के साथ बतौर संगीतकार फिल्मों में अपनी नई पारी शुरू कर रहे हैं, पार्श्वगायन में अपने लिए एक खास मुकाम बना लेने के बाद सोनू ने हालाँकि अपनी एल्बम क्लासीकली माईल्ड में संगीत निर्देशन का जिम्मा उठाया था पर सिंह साहेब उनकी पहली फिल्म है इस नए जिम्मे के साथ. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सोनू ने फिल्म जगत में कदम रखा था बतौर बाल कलाकार फिल्म बेताब से, जो कि सन्नी देओल की भी पहली फिल्म थी बतौर नायक. अब इसे नियति ही कहेंगें कि सोनू की इस नई कोशिश में भी उन्हें साथ मिला है सन्नी पाजी का. एल्बम में कुल ५ गीत हैं जिसमें एक गीत अतिथि संगीतकार आदेश श्रीवास्तव का रचा हुआ है, आईये एक नज़र डालें इस ताज़ा एल्बम में संकलित गीतों पर.  शीर्षक गीत में सोनू ने अपने 'कम्फर्ट ज़ोन' से बाहर आकर पंजाबी लोक गीतों के गायकों के भांति ऊंची पिच पर लेकर गाया है और उनका ये प्...

एक आवाज़ जिसने गज़ल को दिए नए मायने

म खमली आवाज़ की रूहानी महक और ग़ज़ल के बादशाह जगजीत सिंह को हमसे विदा हुए लगभग २ साल बीत चुके हैं, बीती १० तारिख को उनकी दूसरी बरसी के दिन, उनकी पत्नी चित्रा सिंह ने उनके करोड़ों मुरीदों को एक अनूठी संगीत सी डी का लाजवाब तोहफा दिया. "द वोईस बियोंड' के नाम से जारी इस नायब एल्बम में जगजीत के ७ अप्रकाशित ग़ज़लें सम्मिलित हैं, जी हाँ आपने सही पढ़ा -अप्रकाशित. शायद ये जगजीत की गाई ओरिजिनल ग़ज़लों का अंतिम संस्करण होगा, पर उनकी मृत्यु के पश्चात ऐसी कोई एल्बम नसीब होगी ऐसी उम्मीद भी आखिर किसे थी ?  खुद चित्रा सिंह ने जो खुद भी एक बेमिसाल गज़ल गायिका रहीं हैं, ने इस एल्बम को श्रोताओं के लिए जारी किया यूनिवर्सल मुय्सिक के साथ मिलकर. जगजीत खुद में गज़ल की एक परंपरा हैं और उनकी जगह खुद उनके अलावा और कोई नहीं भर सकता. जगजीत की इस एल्बम में आप क्या क्या सुन सकते हैं आईये देखें.  निदा फाजली के पारंपरिक अंदाज़ में लिखा गया एक भजन है. धडकन धडकन धड़क रहा है बस एक तेरो नाम ...  जगजीत के स्वरों में इसे सुनते हुए आप खुद को ईश्वर के बेहद करीब पायेंगें. नन्हों की भोली बातों में उजल...

सुरों की मशाल लाया सुपर हीरो "क्रिश 3"

को ई मिल गया और क्रिश की कामियाबी ने भारतीय फिल्म परदे को दिया है, सुपरमैन स्पाईडरमैन सरीखा एक सुपर हीरो जो दर्शकों में, विशेषकर बच्चों में ख़ासा लोकप्रिय है, इसी लोकप्रियता को अपने अगले मुकाम तक ले जाने के लिए निर्देशक राकेश रोशन लेकर आये हैं क्रिश ३ . राकेश की अब तक की सभी फिल्मों में उनके भाई राजेश रोशन का ही संगीत रहा है और इस परंपरा का निर्वाह क्रिश ३ में भी हुआ है. इससे पहले कि फिल्म, वर्ष २०१३ में आपकी दिवाली को जगमगाए आईये देखें फिल्म का संगीत क्या ऐसा है जिसे आप चाहें कि गुनगुनाएं.  देसी सुपर हीरो क्रिश को अपने पहले संस्करण में कोई थीम गीत नहीं मिला था, तो चलिए इस कमी को पूरा कर दिया है इस एल्बम में. क्रिश का शीर्षक गीत ममता शर्मा की आवाज़ में है जिसमें खुद राजेश रोशन और अनिरुद्ध भोला ने बैक अप स्वरों का रंग मिलाया है. आखिरकार लगभग दो सालों तक मात्र आईटम गीतों की अपनी आवाज़ देने के बाद किसी बॉलीवुड संगीतकार ने ममता से कुछ अलग गवाया है, और उम्मीद के अनुरूप ममता ने गीत के साथ पूरा न्याय किया है. हाँ क्रिश जैसे सुपर हीरो के लिए कुछ इससे बेहतर गीत भी हो सकता था....

सब कुछ पुराना ही है नई जंजीर में

क भी कभी समझना मुश्किल हो जाता है कि एक ऐसी फिल्म जिसे अपने मूल रूप में आज भी बड़े आनंद से देखा जा सकता है, उसका रिमेक क्यों बनाया जाता है. खैर रेमेकों की फेहरिश्त में एक नया जुड़ाव है जंजीर , वो फिल्म जिसने इंडस्ट्री को एंग्री यंग मैन के रूप अमिताभ बच्चन का तोहफा दिया था ७० के दशक में. जहाँ तक फिल्म के प्रोमोस् दिखे हैं नई जंजीर अपने पुराने संस्करण से हर मामले में अलग दिख रही है. ऐसे में इसके संगीत को भी अलग नज़रिए से सुना समझा जाना चाहिए. अल्बम में चार सगीत्कारों का योगदान है. चित्रान्तन भट्ट, आनंद राज आनंद, मीत ब्रोस अनजान और अंकित के सुरों से संवरी इस ताज़ा एल्बम में क्या कुछ है आईये एक नज़र दौडाएं. मिका  की जोशीली आवाज़ में खुलता है एल्बम का पहला गीत मुम्बई के हीरो . बीच के कुछ संवाद तो बच्चन साहब की आवाज़ में है...भाई अगर उन्हीं की आवाज़ चाहिए थी तो फिर रिमेक की क्या ज़रूरत थी ये मेरी समझ से तो बाहर है. एक बोरिंग गीत के बाद एक और जबरदस्ती का आईटम गीत सामने आ जाता है. ममता शर्मा की आवाज़ में पिंकी  अब तक सुनाई दिए आईटम गीतों से न तो कुछ अलग है न बेहतर. शब्द घिसे पिटे और धुन...

सचिन जिगर को मिला बड़ा कैनवस शुद्ध देसी रोमांस के रूप में

रो मांस हमारी फिल्मों का एक अहम हिस्सा है. विवधता लाने के लिए इसे नए नए पहनावे दे दिए जाते हैं. इसी चिर परिचित रोमांस का नया नामकरण हुआ है शुद्ध देसी रोमांस  के रूप में. यश राज बैनर की इस ताज़ा पेशकश में संगीत है सचिन जिगर का. गो गोवा गोन  के विवादास्पद मगर हिट गीतों के बाद ये गुज्जू संगीतकार जोड़ी इन दिनों काफी अच्छे फॉर्म में है.  साईकिल  की घंटियाँ, सीटी और होर्न जैसी ध्वनियाँ गीत पहले गीत तेरे मेरे बीच में  का मूड बनाते हैं. मोहित और सुनिधि की आवाजों में ये गीत कमाल का है. शब्दों और धुन का ऐसा मेल बहुत दिनों में सुनने को मिला है. जबरदस्त संगीत संयोजन इसे और भी लाजवाब बना देता है. जयदीप सहानी के शब्द गजब हैं.   जिगर और प्रिया की युगल आवाजों में गुलाबी  गीत जयपुर शहर को समर्पित है. धुन कैची है और मधुर है. और पार्श्व संगीत के रूप में प्रभावी भी.  हवन  कुंड  के बाद दिव्या कुमार की जोशीली आवाज़ एक बार फिर रोक्किंग फॉर्म में है चंचल मन  गीत में. लोक राजस्थानी अंदाज़ को पाश्चात्य पहनावे में ढालकर बढ़िया सजाया गया है गीत...

सुरीला है ये आग का दरिया - 'इस्सक' तेरा

प्रे म कहानियां और वो भी कालजयी प्रेम कथाएं फिल्मकारों को सदा से ही प्रेरित करती आईं है. हीर राँझा हो सोहनी महिवाल या फिर रोमियो जूलियट, इन अमर प्रेम कहानियों में कुछ तो ऐसा है जो दर्शक बार बार इन्हें देखने के लिए लालायित रहते हैं. रोमियो जूलियट शेक्सपियर की अमर कृति है, जिस पर अब तक ढेरों फ़िल्मी कहानियां आधारित रहीं है. एक बार फिर इस रचना का भारतीयकरण हुआ है मनीष तिवारी निर्देशित इस्सक  में जहाँ राँझना  के बाद एक बार फिर दर्शकों के देखने को मिलेगी बनारस की पृष्ठभूमि. खैर देखने की बात होगी बाद में फिलहाल जान लें कि इस इस्सक  में सुनने लायक क्या क्या है... मोहित  चौहान की सुरीली आवाज़ ऐसे लगती है जैसे पहाड़ों में गूंजती हवा हो, और अगर गीत रोमानी हो तो कहना ही क्या, एल्बम की शुरुआत इसी रेशमी आवाज़ से होती है इस्सक तेरा  एक खूबसूरत प्रेम गीत है. जितने सुन्दर शब्द है मयूर पूरी के, सचिन जिगर की जोड़ी ने इसे उतने ही नर्मो नाज़ुक अंदाज़ में स्वरबद्ध किया है. एल्बम को एक दिलकश शुरुआत देता है ये गीत.  अगले  गीत में रशीद खान की आवाज़ है, गहरी और मर्म को भेद...

प्रेरणात्मक स्वरों में मस्ती की झनकार और मासूम प्रेम की पुकार -'मिल्खा' का जीवन सार

कु छ एलबम्स ऐसी होती हैं जिनके बारे में लिखते हुए वाकई दिल से खुशी का अनुभव मिलता है, क्योंकि खुशियों की ही तरह अच्छे संगीत को बांटना भी बेहद सुखद सा एहसास होता है, आज हम एक ऐसे ही एल्बम का जिक्र आपसे साँझा करने वाले हैं. वैसे इन दिनों हिंदी फिल्म संगीत प्रेमियों की चांदी है. राँझना , और लूटेरा  का संगीत पहले ही संगीत प्रेमियों को खूब रास आ रहा है ऐसे में एक और दमदार एल्बम की आमद हो जाए तो और भला क्या चाहिए. दोस्तों बायोपिक यानी किसी व्यक्ति विशेष के जीवन पर हमारे यहाँ बहुत कम फ़िल्में बनी हैं, शायद इसकी वजह निर्माता निर्देशकों के विवादों और कानूनी झमेलों से बचने की प्रवर्ति है, खैर आज हम चर्चा करेंगें भाग मिल्खा भाग  के संगीत पक्ष की. भाग मिल्खा... धावक मिल्खा सिंह की जीवनी है जहाँ मिल्खा बने हैं फरहान अख्तर. फिल्म का संगीत पक्ष संभाला है शंकर एहसान लॉय की तिकड़ी ने और गीत लिखे हैं प्रसून जोशी ने.  एल्बम की शुरुआत दिलेर मेहदी के रूहानी स्वर में नानक नाम जहाज़ दा  से होती है. मात्र डेढ़ मिनट की इस गुरबानी से बेहतर शुरुआत भला क्या हो सकती थी. इसके तुरंत बाद शु...

जब रहमान और इरशाद साथ साथ आयें तो कोई 'नज़र लाये न' इस जोड़ी को

ए आर रहमान यानी समकालीन बॉलीवुड संगीत का बेताज बादशाह. लंबे समय तक शीर्ष पर राज करने के बाद रहमान इन दिनों सिर्फ चुनिन्दा फ़िल्में ही कर रहे हैं, यही कारण है कि संगीत प्रेमियों को उनकी हर नई एल्बम का बेसब्री से इंतज़ार रहता है. उनसे उम्मीदें इतनी अधिक बढ़ गयी हैं कि संगीत प्रेमियों को कुछ भी कम स्वीकार्य नहीं होता. ऐसे में उनकी नई प्रस्तुति राँझना   संगीत के कद्रदानों और उनके चहेतों की कसौटी पर कितना खरा उतर पायी है, आईये आज ज़रा इसी बात की तफ्तीश करें. राँझना  में गीत लिखे हैं इरशाद कामिल ने, जिनके साथ रहमान रोक स्टार  में जबरदस्त हिट गीतों की बरसात कर चुके हैं.  इससे पहले कि हम राँझना  के गीतों की बात करें, हम आपको बता दें कि रहमान का संगीत सामान्य से कुछ अलग रहता है तो उस पर राय बनाने से पहले कम से कम ५-६ बार उन गीतों को अवश्य सुनें. नये गायक जसविंदर सिंह और शिराज उप्पल के स्वरों में शीर्षक गीत एक ऊर्जा से भरा गीत है. धुन बेहद 'कैची' है और संयोजन में रहमान से भारतीय वाद्यों को पाश्चात्य वाद्यों से साथ बेहद खूबसूरती से मिलाया है. इरशाद के शब्द अच्छे हैं. ...