२५ दिसम्बर जन्मदिन है तीन लोगों का.
नौशाद साहब,पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और हिन्दी तारिका नगमा का.
अटल जी जितने अच्छे राजनीतिज्ञ हैं उतने ही बढ़िया कवि भी. उनकी कुछ कविताओं को जगजीत सिंह ने अपनी आवाज दी थी.
नगमा साउथ की फिल्मों में ज्यादा कामयाब रहीं.हिन्दी में उनकी पहली ही फिल्म 'बागी', हिट रही जो उन्होंने सलमान खान के साथ करी थी.
नौशाद अली पहले संगीतकार थे जिन्होंने अपने हुनर से संगीतकार का दर्जा भी नायक या निर्देशक के समकक्ष ला खड़ा किया.शास्त्रीय संगीत और लोक गीतों को लेकर उन्होंने एक से बढ़कर एक मधुर गीत बनाये.
नौशाद ने पहला गाना जो संगीतबद्ध करा था वो था 'बता दो मोहे कौन गली गए श्याम' जिसे लीला चिटनिस ने गाया.उन्होंने स्तर के साथ कभी समझौता नहीं करा.
फिल्म रतन के गाने तो सुपरहिट साबित हुए.जिन दिनों रतन रिलीज हुई, उन्ही दिनों नौशाद की शादी लखनऊ में तय हो गयी. चूँकि दोनों ही परिवार गाने बजने के खिलाफ थे, इसलिए बताया गया कि लड़का बंबई में दर्जी है. अब मजा देखिये, नौशाद मियाँ नौशा बनकर घोड़े पर बैठे हैं, और बैंडवाले बिना यह जाने कि धुन सृजक की ही बारात है,बड़े धूम से 'रुमझुम बरसे बदरवा' और 'अंखिया मिला के' की धुन बजाए जा रहे हैं.
बैजू बावरा, मुगले आजम, रतन बाबुल, दीदार,आन,अमर,उड़न खटोला, मेरे महबूब,सन ओफ इंडिया. न जाने कितनी ऐसी फिल्मो में मधुर संगीत दिया.
नौशाद अली का संगीत भारतीय संगीत को एक अनमोल भेंट है.
रेडियो प्लेबैक इंडिया की ओर से इन तीनो के जन्मदिन पर पेश हैं १० गाने.
नौशाद साहब,पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और हिन्दी तारिका नगमा का.
अटल जी जितने अच्छे राजनीतिज्ञ हैं उतने ही बढ़िया कवि भी. उनकी कुछ कविताओं को जगजीत सिंह ने अपनी आवाज दी थी.
नगमा साउथ की फिल्मों में ज्यादा कामयाब रहीं.हिन्दी में उनकी पहली ही फिल्म 'बागी', हिट रही जो उन्होंने सलमान खान के साथ करी थी.
नौशाद अली पहले संगीतकार थे जिन्होंने अपने हुनर से संगीतकार का दर्जा भी नायक या निर्देशक के समकक्ष ला खड़ा किया.शास्त्रीय संगीत और लोक गीतों को लेकर उन्होंने एक से बढ़कर एक मधुर गीत बनाये.
नौशाद ने पहला गाना जो संगीतबद्ध करा था वो था 'बता दो मोहे कौन गली गए श्याम' जिसे लीला चिटनिस ने गाया.उन्होंने स्तर के साथ कभी समझौता नहीं करा.
फिल्म रतन के गाने तो सुपरहिट साबित हुए.जिन दिनों रतन रिलीज हुई, उन्ही दिनों नौशाद की शादी लखनऊ में तय हो गयी. चूँकि दोनों ही परिवार गाने बजने के खिलाफ थे, इसलिए बताया गया कि लड़का बंबई में दर्जी है. अब मजा देखिये, नौशाद मियाँ नौशा बनकर घोड़े पर बैठे हैं, और बैंडवाले बिना यह जाने कि धुन सृजक की ही बारात है,बड़े धूम से 'रुमझुम बरसे बदरवा' और 'अंखिया मिला के' की धुन बजाए जा रहे हैं.
बैजू बावरा, मुगले आजम, रतन बाबुल, दीदार,आन,अमर,उड़न खटोला, मेरे महबूब,सन ओफ इंडिया. न जाने कितनी ऐसी फिल्मो में मधुर संगीत दिया.
नौशाद अली का संगीत भारतीय संगीत को एक अनमोल भेंट है.
रेडियो प्लेबैक इंडिया की ओर से इन तीनो के जन्मदिन पर पेश हैं १० गाने.
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रेडियो-प्लेबैक-इंडिया के सभी पाठकों और श्रोताओं को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें!