भारतीय सिनेमा के सौ साल – 32 एक गीत सौ कहानियाँ – 21 ‘तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे... ’ दोस्तों, सिने-संगीत के इतिहास में अनेक फिल्मी और गैर-फिल्मी गीत रचे गए, जिन्हें आगे चल कर ‘मील के स्तम्भ’ का दर्जा दिया गया। आपके प्रिय स्तम्भकार सुजॉय चटर्जी ने 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' पर गत वर्ष 'एक गीत सौ कहानियाँ' नामक स्तम्भ आरम्भ किया था, जिसके अन्तर्गत हर अंक में वे किसी फिल्मी या गैर-फिल्मी गीत की विशेषताओं और लोकप्रियता पर चर्चा करते थे। यह स्तम्भ 20 अंकों के बाद मई 2012 में स्थगित कर दिया गया था। आज से इस स्तम्भ को पुनः शुरू किया जा रहा है। आज से 'एक गीत सौ कहानियाँ' नामक यह स्तम्भ हर महीने के तीसरे गुरुवार को प्रकाशित हुआ करेगा। आज 21वीं कड़ी में सुजॉय चटर्जी प्रस्तुत कर रहे हैं, अलताफ़ राजा के गाये मशहूर ग़ैर-फ़िल्मी गीत "तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे…" की चर्चा। ग़ै र-फ़िल्मी गीतों, जिन्हें हम ऐल्बम सॉंग्स भी कहते हैं, को सर्वाधिक लोकप्रियता 80 के दशक में प्राप्त हुई थी। ग़ज़ल और पाश्चात्य संगी...