सम्पूरन सिंह कालरा नाम के इस शख्स का जन्म 18 अगस्त 1936 को दीना नाम की उस जगह में हुआ जो कि आजकल पाकिस्तान में है । ये शख्स जिसको कि आजकल हम गुलज़ार के नाम से जानते हैं । गुलज़ार जो कि अभी तक 20 फिल्मफेयर और 5 राष्ट्रीय पुरुस्कार अपने गीतों के लिये ले चुके हैं । साथ ही साहित्य अकादमी पुरुस्कार और जाने कितने सम्मान उनकी झोली में हैं । सिक्ख धर्म में जन्म लेने वाले गुलज़ार का गाने लिखने से पहले का अनुभव कार मैकेनिक के रूप में है। आज हम बात करेंगें उन्हीं गुलज़ार साहब के कुछ उन गीतों के बारे में जो या तो फिल्म नहीं चलने के कारण उतने नहीं सुने गये या फिर ऐसा हुआ कि उसी फिल्म का कोई गीत बहुत जियादह मकबूल हो गया और ये गीत बहुत अच्छा होने के बाद भी बरगद की छांव तले होकर रह गया । मैंने आज जो 10 गीत छांटे हैं वे सारे गीत लता मंगेशकर तथा गुलज़ार साहब की अद्भुत जुगलबंदी के गीत हैं । सबसे पहले हम बात करते हैं 1966 में आई फिल्म सन्नाटा के उस अनोखे प्रभाव वाले गीत की । गुलज़ार साहब के गीतों को सलिल चौधरी जी, हेमंत कुमार जी और पंचम दा के संगीत में जाकर जाने क्या हो जाता है । वे ...