संगीत समीक्षा - जोक्कोमोन - बच्चों के लिए कुछ गीत लेकर आई शंकर-एहसान-लॉय की तिकड़ी जावेद साहब के शब्दों में
Taaza Sur Taal (TST) - 07/2011 - ZOKKOMON नये फ़िल्म संगीत में दिलचस्पी रखने वाले पाठकों का मैं, सुजॉय चटर्जी, 'ताज़ा सुर ताल' के आज के अंक में स्वागत करता हूँ। पिछली बार इस स्तंभ में जब आपकी और हमारी मुलाक़ात हुई थी, उस अंक में हमनें बच्चों पर केन्द्रित फ़िल्म 'सतरंगी पैराशूट' की चर्चा की थी। उसी अंक में हमनें कहा था कि आजकल बच्चों की फ़िल्में न के बराबर हो गई हैं। लेकिन लगता है कि हालात फिर से बदलने वाले हैं और बच्चों की फ़िल्में एक बार फिर सर चढ़ के बोलने वाली हैं। आइए आज के अंक में एक और आनेवाली बाल-फ़िल्म के संगीत की समीक्षा करें। यह है सत्यजीत भाटकल निर्देशित 'ज़ोक्कोमोन'। ज़ोक्कोमोन भारत का पहला बाल-सुपरहीरो, जिसे पर्दे पर निभाया है 'तारे ज़मीन पर' से रातों रात चर्चा में आने वाले दर्शील सफ़ारी। साथ में हैं अनुपम खेर (डबल रोल में), मंजरी फ़ादनिस और अखिल मिश्रा। 'तारे ज़मीन पर' और 'ज़ोक्कोमोन' में कई समानताएँ हैं। बाल-फ़िल्म और दर्शील सफ़ारी के अलावा गीतकार और संगीतकार भी दोनों फ़िल्मों में एक ही हैं, यानी कि जावेद अख़्तर साहब और शंक...