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सुनिए किशोर कुमार का एक बेहद दुर्लभ इंटरव्यू

पिछले महीने हमने कमला भट्ट द्वारा लिया गया अमीन सयानी का विस्तृत साक्षात्कार सुना. इसी साक्षात्कार में उन्होंने जिक्र किया अपने सबसे प्रिय रेडियो साक्षात्कार का जब हरफनमौला किशोर कुमार उनके स्टूडियो में पधारे. पद्म श्री अमीन खुद मानते हैं कि किशोर कुमार का वह साक्षात्कार उनके विशाल संग्रह की सबसे अनमोल धरोहर है. हमने सोचा कि इस अनमोल इंटरव्यू को अपने श्रोताओं तक हम अवश्य पहुँचायें. तो सुनिए और याद कीजिये किशोर दा के मनमौजी अंदाज़ को - ये पॉडकास्ट copyright प्रतिबंधित होने के कारण सीमित समय के लिए ही उपलब्ध था. असुविधा के लिए खेद है. हम आपको बता दें कि अमीन भाई के सुपुत्र राजिल हमारे संपर्क में हैं, जिनके सहयोग से शायद अमीन जी से भी हम आपको रूबरू मिलवा पायें जल्दी ही. वैसे अमीन भाई के चाहने वालों के लिए खुश खबर ये है कि अमीन भाई अपनी गीतमाला की यादों को सी डी के रूप में लेकर आये हैं जो निश्चित रूप से रेडियो में उनकी आवाज़ के दीवाने रहे श्रोताओं के लिए संग्रह की वस्तु होगी. आप इस सी डी के बारे अधिक जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं और खरीद भी सकते हैं.

मेरी प्यास हो न हो जग को...मैं प्यासा निर्झर हूँ...- कवि गीतकार पंडित नरेंद्र शर्मा जी की याद में

महान कवि और गीतकार पंडित नरेन्द्र शर्मा जी को उनकी पुण्यतिथि पर याद कर रही है सुपुत्री लावण्य शाह - काव्य सँग्रह "प्यासा ~ निर्झर" की शीर्ष कविता मेँ कवि नरेँद्र कहते हैँ- "मेरे सिवा और भी कुछ है, जिस पर मैँ निर्भर हूँ मेरी प्यास हो ना हो जग को, मैँ,प्यासा निर्झर हूँ" हमारे परिवार के "ज्योति -कलश" मेरे पापा और फिल्म "भाभी की चूडीयाँ " फिल्म के गीत मेँ,"ज्योति कलश छलके" शब्द भी उन्हीँ के लिखे हुए हैँ जिसे स्वर साम्राज्ञी लता दीदी ने भूपाली राग मेँ गा कर फिल्मोँ के सँगीत मेँ साहित्य का,सुवर्ण सा चमकता पृष्ठ जोड दिया !"यही हैँ मेरे लिये पापा"! हमारे परिवार के सूर्य ! जिनसे हमेँ ज्ञान, भारतीय वाँग्मय, साहित्य,कला,संगीत,कविता तथा शिष्टाचार के साथ इन्सानियत का बोध पाठ भी सहजता से मिला- ये उन के व्यक्तित्त्व का सूर्य ही था जिसका प्रभामँडल "ज्योति कलश" की भाँति, उर्जा स्त्रोत बना हमेँ सीँचता रहा - मेरे पापा उत्तर भारत, खुर्जा ,जिल्ला बुलँद शहर के जहाँगीरपुर गाँव के पटवारी घराने मेँ जन्मे थे.प्राँरभिक शिक्षा खुर्जा मेँ हुई...

पद्मश्री हुए अमीन सयानी- आवाज़ की विशेष प्रस्तुति

सुनिए कमला भट्ट द्वारा लिये गये अमीन सयानी के ये नायाब इंटरव्यू अपनी मखमली जादू भरी आवाज़ से दशकों तक हर उम्र के लोगों को सम्मोहित करने वाले आल इंडिया रेडियो के सबसे सफलतम संचालकों में से एक,अमीन सयानी को भारत सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए पदम् श्री से सम्मानित किया है.७७ वर्षीया सयानी हमेशा "बहनों और भाईयों" संबोधन से कार्यक्रम की शुरुआत किया करते थे,और गीतमाला,सिने कलाकारों की महफिल जैसे कार्यक्रमों से घर घर में पहचाने जाते थे. व्यवसायिक ब्राडकास्टिंग को नई बुलंदियां देने में उनका योगदान अतुलनीय है. लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड २००५, के अनुसार उन्होंने ५४००० से अधिक रेडियो कार्यक्रमों का संचालन किया और लगभग १९००० प्रायोजित विज्ञापनों और स्पोट्स के माध्यम से अपनी आवाज़ भारत के आलावा, अमेरिका, कनाडा, श्री लंका, संयुक्त अरब अमीरात, न्यूजीलैंड, और ब्रिटन के श्रोताओं तक पहुंचाई. उनका एतिहासिक काउंट डाउन शो बिनाका गीत माला जो बाद में सिबाका गीत माला बना और फ़िर कोलगेट ने इसे प्रायोजित किया, ४६ वर्षों तक चला. पहले ये रेडियो सीलोन से सुनाई देता था...