हिंद-युग्म' ने हिंदी की पहली फ़िल्मी गीत "दे दे ख़ुदा के नाम पे प्यारे" को हाल ही में रिवाइव किया है, जिसे आप सब ने पसंद भी किया। अब तक हम यही सोचते थे कि इस गीत की मूल धुन विलुप्त हो चुकी है। लेकिन हमारे एक साथी श्री दुष्यन्त कुमार चतुर्वेदी ने हमारा ध्यान १९८२ में दूरदर्शन द्वारा प्रसारित हरिहरण के गाये इस गीत के एक संस्करण की ओर आकृष्ट करवाया, और यही धुन इस गीत का मूल धुन है। मुखड़े की दूसरी पंक्ति के बोल, जो हमने 'लिस्नर्स बुलेटिन' से प्राप्त की थी, असल में कुछ और है। पूरा मुखड़ा कुछ इस तरह का है - "दे दे ख़ुदा के नाम से प्यारे ताक़त है कुछ देने की, कुछ चाहिए अगर तो माँग ले उससे हिम्मत है गर लेने की"। हरिहरण के गाये इस गीत को आईये आज आप भी सुनें- इसी तरह जुबैदा जी जिन्होंने आलम आरा में गीत गाये थे, उन्होंने भी अपने गाये एक गीत की धुन इसी कार्यक्रम के लिए गाकर सुनाई थी, मगर अफ़सोस कि उन्हें भी सिर्फ मुखड़े की धुन ही याद है, लीजिए इसे भी सुनिए, उन्हीं की आवाज़ में आलम आरा के गीतों का नष्ट हो जाना एक बड़ा नुक्सान है, दूरदर्शन की इसकी सुध १९८१ में आई ज...