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Showing posts with the label अनुराग शर्मा

अहिंसा (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 22

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 22 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक लघुकथा " अहिंसा ", अनुराग शर्मा ही के स्वर में। मरेंगे हम किताबों में वरक होंगे कफ़न अपना किसी ने न हमें जाना न पहचाना सुखन अपना ~ अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी इस गाम में हिंसा नहीं करने देंगे। हम पक्के अहिंसक हैं जी। ( अनुराग शर्मा की लघुकथा "अहिंसा" से एक अंश ) यूट्यूब पर सुनिये गाना पर सुनिये जियो सावन एंकर पर सुनिये गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये ऐपल पॉडकास्ट एमेज़ॉन म्यूज़िक प्राइम कहानी " अहिंसा " का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 29 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अप

निर्वासन (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 13

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 13 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की एक मर्मस्पर्शी कथा " निर्वासन ", अर्चना चावजी और अनुराग शर्मा के स्वर में। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी "पहले यह बताओ तुम इतने दिनों से कहाँ रहीं, किसके साथ रहीं, किस तरह रहीं और फिर यहाँ किसके साथ आयीं?" ( मुंशी प्रेमचंद की "निर्वासन" से एक अंश ) यूट्यूब पर जियो सावन एंकर पर सुनिये ऐपल पॉडकास्ट स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये एमेज़ॉन म्यूज़िक प्राइम गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये एक शताब्दी से हिन्दी (एवं उर्दू) साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का नाम एक सूर्य की तरह चमक रहा है। विशेषकर, ज़मीन से जुड़े एक कथाकार के रूप में उनकी अलग ही पहचान है। उनके पात्रों और कथाओं का क्षेत्र काफी विस्तृत है फिर भी उनकी अनेक कथाएँ भारत के ग्रामीण मानस का चित्र

महरी (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 10

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 10 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की एक मज़ेदार कथा " महरी ", अनुराग शर्मा के स्वर में। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी घरबार का सारा काम सदा स्वयं ही समय पर हो जाता, हमारी गाड़ी कभी ‘लेट’ होती ही नहीं। ( मुंशी प्रेमचंद की "महरी" से एक अंश ) यूट्यूब पर जियो सावन एंकर पर सुनिये ऐपल पॉडकास्ट स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये एमेज़ॉन म्यूज़िक प्राइम गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये एक शताब्दी से हिन्दी (एवं उर्दू) साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का नाम एक सूर्य की तरह चमक रहा है। विशेषकर, ज़मीन से जुड़े एक कथाकार के रूप में उनकी अलग ही पहचान है। उनके पात्रों और कथाओं का क्षेत्र काफी विस्तृत है फिर भी उनकी अनेक कथाएँ भारत के ग्रामीण मानस का चित्रण करती हैं। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे उर्

खेमा (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 9

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 9 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं दीपक शर्मा की एक कथा " खेमा ", अनुराग शर्मा के स्वर में। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित लेखिका दीपक शर्मा की रचनाओं का परिवेश जितना व्यापक है, उतना ही प्रामाणिक भी। उनके जैसी प्रामाणिकता हिंदी में कहीं और नहीं दिखती है, और न ही वैसा विस्तार। बीसियों पत्रिकाओं व अनेक संकलनों में अब तक सैकड़ों कहानियाँ आ चुकी हैं। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी पाँच साल पहले तपेदिक से हुई माँ की मृत्यु के बाद ही से क्वार्टर में अब केवल बाबा और मैं ही रहते हैं। ( दीपक शर्मा की "खेमा" से एक अंश ) यूट्यूब पर सुनिये एंकर पर सुनिये गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये कहानी " खेमा " का कुल प्रसारण समय 12 मिनट 12 सेकंड है। सुनें और बतायें

असंतुष्ट (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 8

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 8 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक लघुकथा " असंतुष्ट ", अनुराग शर्मा ही के स्वर में। मरेंगे हम किताबों में वरक होंगे कफ़न अपना किसी ने न हमें जाना न पहचाना सुखन अपना ~ अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी पब्लिसिटी है, अखबार में फ़ोटो छपाने को किया है। ( अनुराग शर्मा की "असंतुष्ट" से एक अंश ) यूट्यूब पर सुनिये गाना पर सुनिये जियो सावन एंकर पर सुनिये गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये ऐपल पॉडकास्ट एमेज़ॉन म्यूज़िक प्राइम कहानी " असंतुष्ट " का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 20 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ द

बाइज्जत बरी (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 5

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 8 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं बालकवि बैरागी  की एक लघुकथा " बाइज्जत बरी ", अनुराग शर्मा के स्वर में। जब हिन्दी के सामने ही अस्तित्व का संकट है तो बोलियों की सुरक्षा के लिये तो हमें ही आगे आना होगा। ~ बालकवि बैरागी हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी एक तो तस्कर और पुलिस की मिली-भगत और दूसरी - खुद को चतुर-चालाक, सक्षम और कुशल साबित करने का उत्साह। ( बालकवि बैरागी की "बाइज्जत बरी" से एक अंश ) यूट्यूब पर सुनिये एंकर पर सुनिये गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये कहानी " बाइज्जत बरी " का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 20 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवा

चप्पल (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 4

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 4  में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं कमलेश्वर की एक लघुकथा " चप्पल ", अनुराग शर्मा के स्वर में। सदियों पुरानी सभ्यता मनुष्य के क्षुद्र विकारों का शमन करती रहती है एक दार्शनिक दृष्टि से जीवन की क्षण-भंगुरता का अहसास कराते हुए सारी विषमताओं को समतल करती रहती है।ा ~ कमलेश्वर हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी यह सत्य भी है कि चप्पल की 'रेड' से सरकार तक चौंक जाती है। ( कमलेश्वर की "चप्पल" से एक अंश ) यूट्यूब पर सुनिये एंकर पर सुनिये गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये कहानी " चप्पल " का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 20 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी

दूसरा कमरा (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 1

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 1 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं गिरिजेश राव लिखित मार्मिक कथा " दूसरा कमरा ", अनुराग शर्मा ही के स्वर में। तो चलिए एक पौधा रोपते हैं और उसे जिलाते हैं।  ‍- गिरिजेश राव हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी "सबसे अच्छा बड़का है - स्टैंड पर टेबल फैन की तरह घूमता दोनों की बारी बारी सुनता है और जब आँखें फेरता है तो सुखद बयार बहा ले जाती है।” (गिरिजेश राव कृत "दूसरा कमरा" से एक अंश) यूट्यूब पर सुनिये एंकर पर सुनिये गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये कहानी " दूसरा कमरा " का कुल प्रसारण समय 6 मिनट 34 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहत

ऑडियो: चुड़ैल (बलराम अग्रवाल)

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने पूजा अनिल के स्वर में उषा भदौरिया की लघुकथा नाव का धर्म का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं बलराम अग्रवाल की लघुकथा "चुड़ैल" , जिसे स्वर दिया है, अनुराग शर्मा ने। इस रचना का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 16 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। बलराम अग्रवाल: 26 नवम्बर 1952 को बुलंदशहर में जन्म; हिंदी लघुकथा के महारथी। प्रकाशित पुस्तकों में सरसों के फूल, ज़ुबैदा, चन्ना चरनदास, दूसरा भीम प्रमुख। अनेक संकलनों का सम्पादन। विदेशी कहानियों व लघुकथाओं का अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद दो पुस्तकों को रूप में प्रकाशित। हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी "वह विचार मन में आते ही मिसेज़ खन्ना सिर से पाँव तक जैसे हिल सी गयीं।" ( बलराम अग्रव

ऑडियो: चेहरा (कान्ता राॅय)

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने कन्हैयालाल पाण्डेय के स्वर में उन्हीं की कहानी पूजाघर का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं कान्ता राॅय की लघुकथा "चेहरा" , जिसे स्वर दिया है, अनुराग शर्मा ने। इस रचना का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 16 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कान्ता राॅय: हिंदी लेखिका संघ मध्यप्रदेश, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मध्यप्रदेश लेखक संघ, कलामंदिर भोपाल, विश्व मैत्री संघ मुंबई. सेवाभारती, आनंद आश्रम भोपाल की आजीवन सदस्य, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की सम्मानित सदस्य। हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी "लेकिन उसकी अधेड़ावस्था के कारण विश्वास... या अविश्वास... शायद!" ( कान्ता राॅय की "चेहरा" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से स

ऑडियो: विदेह (अनुराग शर्मा)

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने देवेंद्र पाठक  के स्वर में राजेंद्र देवधरे 'दर्पण की कथा " एक मज़दूर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक लघुकथा " विदेह ", अनुराग शर्मा ही के स्वर में। कहानी " विदेह " का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 45 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कथा "विदेह" का गद्य   बर्ग वार्ता पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मरेंगे हम किताबों में सफ़े होंगे कफ़न अपना किसी ने न हमें जाना न पहचाना सुखन अपना ~ अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी हमारे घ

ऑडियो: क्वारंटीन (राजिंदर सिंह बेदी)

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने दीपक शर्मा की कथा " ऊँट की पीठ " का पाठ  अनुराग शर्मा के स्वर में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार, निर्माता, निर्देशक, संवाद व पटकथा लेखक राजिंदर सिंह बेदी की कथा क्वारंटीन जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी " क्वारंटीन " का कुल प्रसारण समय 24 मिनट 36 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कहानी का गद्य सेतु पत्रिका पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। राजिंदर सिंह बेदी (1सितम्बर 1915 - 11 नवम्बर 1984); उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार, फ़िल्म निर्माता, निर्देशक, संवाद व पटकथा लेखक हर सप्त

ऑडियो: ऊँट की पीठ (दीपक शर्मा)

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने दीपक शर्मा की कथा " ताई की बुनाई " का पाठ अनुराग शर्मा के स्वर में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार दीपक शर्मा की कथा ऊँट की पीठ जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी " ऊँट की पीठ " का गद्य साहित्य कुञ्ज पर उपलब्ध है। इस कथा का कुल प्रसारण समय 12 मिनट 7 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज की अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष रह चुकीं मिताक्षरी लेखिका दीपक शर्मा के कथा-क्षेत्र का विस्तार, संवेदनाओं की गहराई, शिल्प की सहजता और वर्णन की प्रामाणिकता उन्हें अपने समका

ऑडियो: ताई की बुनाई (दीपक शर्मा)

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने दीपक शर्मा की कथा " मेंढकी " का पाठ पूजा अनिल और अनुराग शर्मा के स्वर में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार दीपक शर्मा की कथा ताई की बुनाई जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी " ताई की बुनाई " का गद्य अटूट बंधन पर उपलब्ध है। इस कथा का कुल प्रसारण समय 12 मिनट 39 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज की अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष रह चुकीं मिताक्षरी लेखिका दीपक शर्मा के कथा-क्षेत्र का विस्तार, संवेदनाओं की गहराई, शिल्प की सहजता और वर्णन की प्रामाणिकता उन्हें

ऑडियो: लघुकथा मोड़ (अनुराग शर्मा)

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने हंसा दीप  के स्वर में दीपक शर्मा की कथा " चम्पा का मोबाइल " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक लघुकथा " मोड़ ", अनुराग शर्मा ही के स्वर में। कहानी " मोड़ " का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 19 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कथा "मोड़" का गद्य   बर्ग वार्ता पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मरेंगे हम किताबों में सफ़े होंगे कफ़न अपना किसी ने न हमें जाना न पहचाना सुखन अपना ~ अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी उसने ध्यान से देखा, आदमी के सर के ठीक ऊपर दीवार पर

ऑडियो: तीस साल बाद (रवींद्र कालिया)

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में बसंत त्रिपाठी की कथा अंतिम चित्र का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं रवींद्र कालिया  की कथा "तीस साल बाद" , जिसे स्वर दिया है, स्पेन से पूजा अनिल , और अमेरिका से  अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 10 मिनट 52 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। रवींद्र कालिया   (11 नवंबर 1939 :: 9 जनवरी 2016) हिंदी के सर्वप्रिय लेखक और सम्पादक हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी "इस एक कागज के टुकड़े के कारण तुम मेरे बहुत करीब रहे, हमेशा। मगर इसे गलत मत समझना।" ( रवींद्र कालिया की "तीस साल बाद" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें

ऑडियो: अंतिम चित्र (बसंत त्रिपाठी)

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में पांडेय बेचन शर्मा उग्र की कथा मूर्खा का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं बसंत त्रिपाठी की कथा "अंतिम चित्र" , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 6 मिनट 23 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। बसंत त्रिपाठी - जन्म: 25 मार्च 1972, भिलाई नगर, छत्तीसगढ़ मुख्य कृतियाँ: शब्द, सहसा कुछ नहीं होता, मौजूदा हालात को देखते हुए, उत्सव की समाप्ति के बाद, प्रसंगवश हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी "जेलर साहब का विशेष हुकुम न होता तो वह कान में रुई ठूँस कर सो गया होता।" ( बसंत त्रिपाठी की "अंतिम चित्र" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्ल

ऑडियो कथा: मूर्खा (पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र')

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में रामदरश मिश्र की कथा लड़की का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं पांडेय बेचन शर्मा उग्र की कथा "मूर्खा" , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 6 मिनट 15 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। (1900 - 1967) 1900, चुनार, मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) में जन्मे पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' हिंदी के प्रख्यात लेखक हैं। साहित्य की विविध विधाओं में अनेक पुस्तकें प्रकाशित। प्रमुख कृतियाँ: चंद हसीनों के खतूत, दिल्ली का दलाल, बुधुवा की बेटी, शराबी, घंटा, सरकार तुम्हारी आँखों में, कढ़ी में कोयला, जीजीजी, फागुन के दिन चार, जूहू, महात्मा ईसा, चुंबन, गंगा का बेटा, आवास, अन्नदाता माधव महाराज महान, उग्र

ऑडियो कथा: लड़की (रामदरश मिश्र)

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में ज्योत्सना सिंह की लघुकथा पश्मीना का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं रामदरश मिश्र की कथा "लड़की" , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 8 मिनट 44 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। 15 अगस्त, 1924 को गोरखपुर जिले के डुमरी गाँव में जन्मे डॉ. रामदरश मिश्र हिंदी के प्रख्यात लेखक हैं। साहित्य की विविध विधाओं में अनेक पुस्तकें प्रकाशित, अनेक सम्मान प्राप्त। प्रमुख रचनाएँ: बैरंग-बेनाम चिट्ठियाँ, पक गयी है धूप, कंधे पर सूरज, दिन एक नदी बन गया, जुलूस कहाँ जा रहा है, आग कुछ नहीं बोलती, बारिश में भीगते बच्चे, हँसी ओठ पर आँखें नम हैं https://ramdarashmishra.blogspot.com/ हर सप्ताह यहीं पर सुन

ऑडियो कथा: पश्मीना (ज्योत्सना सिंह)

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में उदय प्रकाश की कहानी नेलकटर का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं ज्योत्सना सिंह की लघुकथा "पश्मीना" , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 9 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। लघुकथा पश्मीना का गद्य 'सेतु' द्वैभाषिक पत्रिका पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। ज्योत्सना सिंह : इंडिया वॉच चैनल, लखनऊ पुस्तक मेला, दिल्ली विश्व पुस्तक मेला, केकेसी डिग्री कॉलेज, आदि में काव्य पाठ। नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, अमर उजाला, जन ख़बर लाइव आदि दैनिक पेपर में रचनायें प्रकाशित। हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी "उसकी कश्मीरी प्रिन्सिपल आसमानी साड़ी पर सफ़ेद शाल ओढ़े यूँ जान पड़ी थी जैसे नील गग