महफ़िल ए कहकशाँ 23 पंचम, आशा ताई और गुलज़ार दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे के साथ। अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है गुलज़ार, राहुल देव बर्मन और आशा भोसले की तिकड़ी के सुरीले संगम से निकला एक नगमा 'दिल पडोसी है' एल्बम से| मुख्य स्वर - पूजा अनिल, रीतेश खरे एवं सजीव सारथी स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी