ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 256 ओ ल्ड इज़ गोल्ड' में जहाँ एक तरफ़ मशहूर और लोकप्रिय संगीतकारों की रचनाएँ हम सुनवाते रहते हैं, समय समय पर हम ऐसे फ़नकारों को भी याद करते रहते हैं जिन्होने बहुत लम्बी पारी तो नहीं खेली लेकिन सृजनशीलता और रचनात्मक्ता में ये कमचर्चित फ़नकार किसी से कम नहीं थे। आज हम एक ऐसे ही संगीतकार को पहली बार 'ओल्ड इज़ गोल्ड' में याद कर रहे हैं। और ये सुरीले मौसीकार हैं सरदार मलिक साहब। इनका नाम याद आते ही एकाएक जिस फ़िल्म का ध्यान आता है, उस फ़िल्म का नाम है 'सारंगा'। युं तो सरदार मलिक का पहला हिट गीत फ़िल्म 'ठोकर' का था, जिसके बोल थे "ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ", पर उनको सही मायने में कामयाबी और शोहरत हासिल हुई फ़िल्म 'सारंगा' के गीतों के लिए। बदक़िस्मती से 'सारंगा' बॊक्स ऒफ़िस पर नाकामयाब रही, पर इसके गानें बेहद लोकप्रिय हुए और लोगों के ज़ुबान पर ऐसे चढ़े कि आज भी लोग इन्हे गुनगुनाते रहते हैं। आज सुनिए इस फ़िल्म से मुकेश की आवाज़ में "हाँ दीवाना हूँ मैं, ग़म का मारा हुआ एक बेगाना हूँ मैं"। कहने की ज़रूरत नहीं कि ...