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"तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ" - क्यों नहीं माने साहिर इस गीत की अवधि को छोटा करने के सुझाव को?

एक गीत सौ कहानियाँ - 41   ‘ तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ ... ’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'।  इसकी 41वीं कड़ी में आज जानिये फ़िल्म 'धूल का फूल' के सदाबहार युगल गीत "तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ..." के बारे में।  बी.आर.चोपड़ा व यश चोपड़ा ह

विदुषी मीता पण्डित से सुनिए राम-सिया की होली

स्वरगोष्ठी – 126 में आज भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति – 6 राग काफी पर आधारित गीत- ‘कासे कहूँ मन की बात...’     ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी लघु श्रृंखला ‘भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति’ की इस छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपको राग-आधारित कुछ ऐसे फिल्मी गीत सुनवा रहे हैं, जो आधी शताब्दी से भी अधिक अवधि बीत जाने के बावजूद सदाबहार गीत के रूप में हमारे बीच प्रतिष्ठित हैं। ये गीत सदाबहार तो हैं, परन्तु इनके संगीतकार हमारी स्मृतियों में धूमिल हो गए हैं। इस श्रृंखला को प्रस्तुत करने का उद्देश्य ही यही है कि इन कालजयी, राग आधारित गीतों के माध्यम से हम कुछ भूले-बिसरे संगीतकारों को स्मरण करें। आज के अंक में हम आपको राग काफी पर आधारित एक मधुर फिल्मी गीत सुनवाएँगे और इस गीत के संगीतकार एन. दत्ता का स्मरण करेंगे। इसके साथ ही सुप्रसिद्ध युवा गायिका विदुषी मीता पण्डित से इसी राग में निबद्ध रस से भरी एक होरी भी सुनेगे। एन. दत्ता 195