दिल्ली के अनुरूप कुकरेजा हैं, आवाज़ पर इस हफ्ते का उभरता सितारा. इस बेहद प्रतिभाशाली संगीतकार की ताज़ा स्वरबद्ध ग़ज़ल " तेरे चेहरे पे " बीते शुक्रवार आवाज़ पर आयी और बहुत अधिक सराही गयी. ग़ज़लों को धुन में पिरोना इनका जनून है, और संगीत को ये अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं. फरीदा खानम, मुन्नी बेगम और जगजीत सिंह इन्हे बेहद पसंद हैं, अपने भाई निशांत अक्षर, जो ख़ुद एक उभरते हुए ग़ज़ल गायक हैं, के साथ मिलकर एक एल्बम भी कर चुके हैं. संगीत के आलावा अनुरूप को दोस्तों के साथ घूमना, बेड़मिन्टन, लॉन टेनिस, बास्केट बोंल और क्रिकेट खेलना अच्छा लगता है, मगर सबसे ज्यादा भाता है, तेज़ बारिश ( जो हालाँकि दिल्ली में कम ही नसीब होती है ) में कबड्डी खेलना. जिंदगी को अनुरूप कुछ इन शब्दों में बयां करते हैं - Life always creates new and BIG troubles through which i pass learning new and BIGGER things. Even A failure is a success if analyzed from the other side of it. हमने अनुरूप से गुजारिश की, कि वो हिंद युग्म के साथ उनके पहले संगीत अनुभव के बारे में, यूनि कोड का प्रयोग कर हिन्दी में लिखें, तो उन्होंने ...