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जा जा रे जा बालमवा....सौतन के संग रात बितायी...

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 29 'ओ ल्ड इस गोल्ड' की आज की कडी रंगी है शास्त्रीयता के रंग में. शंकर जयकिशन के संगीत की जब हम बात करते हैं तो मुख्यतः बहुत सारे साज़ और 'ऑर्केस्ट्रेशन' में लिपटे हुए गाने याद आते हैं. लेकिन उनकी कुछ फिल्में ऐसी भी हैं जिनका आधार ही शास्त्रिया संगीत है. और फिल्म "बसंत बहार" तो एक ऐसी फिल्म है जिसके लगभग सभी गाने शास्त्रिया संगीत की चादर ओढे हैं. ऐसे गीतों को आम जनता में लोकप्रिय बनाना आसान काम नहीं है. लेकिन एक अच्छा फिल्म संगीतकार वही है जो शास्त्रिया संगीत को भी ऐसा रूप दें जो आम जनता गुनगुना सके, गा सके. और यही गुण शंकर जयकिशन में भी था. बसंत बहार फिल्म यह साबित करती है कि शंकर जयकिशन केवल 'किंग ऑफ ऑर्केस्ट्रेशन' ही नहीं थे, बल्कि शास्त्रिया संगीत पर आधारित गीत रचने में भी उतने ही माहिर थे. बसंत बहार, मीया मल्हार, तोडि, पीलू, तिलक, भैरवी, और झिंझोटी जैसे रागों का असर इस फिल्म के गीतों में महसूस किया जा सकता है. आज हमने इस फिल्म से जिस गीत को चुना है वो आधारित है राग झिंझोटी पर. इस राग पर कई मशहूर गीत बने हैं फिल्म संगीत के