ताज़ा सुर ताल 06/ 2010 सजीव - सुजॊय, यह बताओ तुम्हे कैरम खेलने का शौक है? सुजॊय - अरे सजीव, यह अचानक 'ताज़ा सुर ताल' के मंच पर कैरम की बात कहाँ से आ गई। वैसे, हाँ, बचपन में काफ़ी खेला करता था गर्मियों की छुट्टियों में, लेकिन अब बिल्कुल ही बंद हो गया है। सजीव - दरअसल, आज हम जिस फ़िल्म की बातें करेंगे और गानें सुनेंगे वो कैरम से जुड़ी हुई है। सुजॊय - मैं समझ गया, जिस फ़िल्म के प्रोमोज़ ख़ूब आ रहे हैं इन दिनों, 'स्ट्राइकर' फ़िल्म की बात हम आज कर रहे हैं ना? सजीव - हाँ, जिस तरह से कैरम बोर्ड में स्ट्राइकर ही खेल को शुरु से लेकर अंजाम तक लेके जाती है, यही भाव इस फ़िल्म की कहानी का अंडरकरण्ट है। 'स्ट्राइकर' कहानी है झोपड़पट्टी (स्लम) में रहने वाले एक नौजवान की जो कैरम खिलाड़ी है और जो घिरा हुआ है जुर्म और असामाजिक तत्वों से। इस फ़िल्म के शीर्षक से या इसकी कहानी को सुन कर या पढ़कर ऐसा नहीं लगता कि इसके संगीत से हमें कुछ ज़्यादा उम्मीदें लगानी चाहिए, क्योंकि अंडरवर्ल्ड की कहानी में भला अच्छे संगीत की गुंजाइश कहाँ होती है! लेकिन नहीं, इस फ़िल्म के संगीत में कुछ ख़ास...