दोस्तों नए फनकारों को एक मंच देने आवाज़ का परम उद्देश्य है. इसी कोशिश में आज एक कड़ी और जुड़ रही है. मिलिए संगीतकार, गायक और परामर्शदाता पल्लव पाण्डया से. दुनिया भर में प्रतिवर्ष हजारों लोग जीवन से हताश होकर अपनी जीवन लीला स्वयं समाप्त कर देते हैं और इश्वर के दिए इस अनमोल तोहफे को यूंही जाया कर देते हैं. अधिकतर मामलों में आत्महत्या लम्बे समय से चल रहे घुटन का नतीजा होती है जिसे रोका जा सकता है यदि सही समय पर उस व्यक्ति की मनोदशा को समझने वाला या सिर्फ सुनने वाला ही कोई मिल जाए. हमारे आज के कलाकार पल्लव प्रतिदिन ५ से १० व्यक्तियों में अपनी "कौन्सिलिंग" से जीवन को वापस जीने का उत्साह भरते हैं. वो इस आंकडे को और बढ़ाना चाहते हैं ताकि आत्महत्या करने वाले व्यक्तियों की तादाद घटे. अपनी इसी कोशिश को संगीत के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने का नेक इरादा लेकर पल्लव ने इस गीत को लिखा और संगीतबद्ध किया. इस नेक काम से जुड़े पहले इंडियन आइडल रहे अभिजीत सावंत भी जिन्होंने इस गीत को अपनी आवाज़ दी. पल्लव संगीत के असर को, उसके महत्त्व को बखूबी समझते हैं, इसीलिए आज आवाज़ के माध्यम स...