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Showing posts with the label SUNITA YADAV

शब्दों में संसार - कवि और कविता

शब्दों में संसार - एपिसोड 02 - कवि और कविता   कवि , कुछ ऐसी तान सुनाओ , जिससे उथल-पुथल मच जाए , एक हिलोर इधर से आए , एक हिलोर उधर से आए , चकनाचूर करो जग को , गूँजे ब्रह्मांड नाश के स्वर से , रुद्ध गीत की क्रुद्ध तान है निकली मेरे अंतरतर से! नाश! नाश!! हा महानाश!!! की प्रलयंकारी आँख खुल जाए , कवि , कुछ ऐसी तान सुनाओ जिससे उथल-पुथल मच जाए। " विप्लव गान" करता यह कवि अपने दौर और आने वाले हर दौर के कवि को अंदर छुपी हिम्मत से वाकिफ करा रहा है। वह कह रहा है कि वक़्त ऐसे समय का आ चुका है जब शब्दों से ब्रह्मांड चूर-चूर करने होंगे , जब तानों में क्रोध जगाना होगा। कवि महानाश का आह्वान कर रहा है ताकि उस "प्रलयंकर" की तीसरी आँख खुल जाए और चहुं ओर उथल-पुथल मच जाए। कवि अपने शब्दों से क्रांति को जगा रहा है।  शब्दों में संसार की इस दूसरी कड़ी में आज विश्व दीपक लाये हैं, कवि की कविता और उसकी स्वयं की जिंदगी से जुड़े कुछ सवाल. इस अनूठी स्क्रिप्ट को आवाज़ से सजा रहे हैं अनुराग शर्मा और संज्ञा टंडन. आज की कड़ी में आप सुनेगें हरिवंश राय बच्चन, रघुवीर सहाय, अज्ञय, ...

बाल मन की कवितायेँ -चाक से बच्चों की जुबान पर

शब्दों की चाक पर - एपिसोड 09 शब्दों की चाक पर हमारे कवि मित्रों के लिए हर हफ्ते होती है एक नयी चुनौती, रचनात्मकता को संवारने  के लिए मौजूद होती है नयी संभावनाएँ और खुद को परखने और साबित करने के लिए तैयार मिलता है एक और रण का मैदान. यहाँ श्रोताओं के लिए भी हैं कवि मन की कोमल भावनाओं उमड़ता घुमड़ता मेघ समूह जो जब आवाज़ में ढलकर बरसता है तो ह्रदय की सूक्ष्म इन्द्रियों को ठडक से भर जाता है. तो दोस्तों, इससे पहले कि  हम पिछले हफ्ते की कविताओं को आत्मसात करें, आईये जान लें इस दिलचस्प खेल के नियम -  1. रश्मि प्रभा के संचालन में शब्दों का एक दिलचस्प खेल खेला जायेगा. इसमें कवियों को कोई एक थीम शब्द या चित्र दिया जायेगा जिस पर उन्हें कविता रचनी होगी ...ये सिलसिला सोमवार सुबह से शुरू होगा और गुरूवार शाम तक चलेगा, जो भी कवि इसमें हिस्सा लेना चाहें वो रश्मि जी से संपर्क कर उनके फेसबुक ग्रुप में जुड सकते हैं, रश्मि जी का प्रोफाईल  यहाँ  है. 2. सोमवार से गुरूवार तक आई कविताओं को संकलित कर हमारे पोडकास्ट टीम के हेड पिट्सबर्ग से  अनुराग शर्मा  जी अपने साथी पोड...

8 तरह से सुनें सुमित्रा नंदन पंत की 'प्रथम रश्मि'

गीतकास्ट प्रतियोगिता- परिणाम-2: प्रथम रश्मि सुमित्रा नंदन पंत की कविता 'प्रथम रश्मि' को गीतकास्त प्रतियोगिता की दूसरी कड़ी के लिए जब हमने चुना तो यह डर मन में ज़रूर था कि इस कविता के संस्कृतनिष्ठ-शब्द गायन में कहीं बहुत मुश्किल न खड़ी करें। लेकिन अंतिम तिथि यानी 30 जून 2009 तक जब हमें 19 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं तो हमें यह अहसास हुआ कि कविताओं के प्रति कविता प्रेमियों, गायकों और संगीतकारों का अतिरिक्त प्रेम के सामने यह बाधा क्षणिक ही है, जो दृढ़ इच्छाशक्ति से पार की जा सकती है। 19 में से 11 प्रविष्टियाँ तो संगीत के साथ सजी-धजी हुई थीं। इनमें से दो प्रविष्टियों में फिल्म सरस्वती चंद के मशहूर गीत 'फूल तुम्हें भेजा है खत में॰॰॰" की धुन थी, जिसपर बहुत ही मनोरंजक तरीके से पिता-पुत्र (अम्बरीष श्रीवास्तव व नील श्रीवास्तव) ने 'प्रथम रश्मि' के शब्दों को बिठाया था। इनमें से कक्षा 8 के छात्र नील श्रीवास्तव का हम विशेष उल्लेख करना चाहेंगे जिन्होंने फिल्मी धुन पर ही सही, यह प्रयास किया। शेष प्रविष्टियों के मध्य बहुत काँटे की टक्कर थी। हमने विविध भारती के प्रसिद्ध रेडियो...

एक मुलाकात कवयित्री, गायिका और चित्रकार सुनीता यादव से

हिंद युग्म ने जिस उद्देश्य से बाल-उद्यान मंच की शुरूआत की थी, वो था बच्चों को सीधे तौर पर इस हिन्दी इंटरनेटिया आयाम से जोड़ने की। आज हम अगर इस उद्देश्य में काफी हद तक सफल हो पाये हैं तो उसका एक बड़ा श्रेय जाता है हमारे सबसे सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ताओं में से एक सुनीता यादव को। महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे द्वारा आदर्श शिक्षक पुरस्कार (२००४) और जॉर्ज फेर्नादिज़ पुरस्कार (२००६) से सम्मानित सुनीता ने और भी बहुत सी उपलब्धियाँ हासिल की है जैसे केंद्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा आयोजित हिन्दी नव लेखक शिविरों में कविता पाठ, आकाशवाणी औरंगाबाद से भी कविताओं का प्रसारण, परिचर्चायों में भागीदारी, गायन में अनेक पुरस्कारों से पुरस्कृत, २००५ में कत्थक नृत्यांगना कु.पार्वती दत्ता द्वारा आयोजित विश्व नृत्य दिवस कार्यक्रम का संचालन आदि। अभी पिछले महीने की आकाशवाणी औरंगाबाद के हिन्दी कार्यक्रम में सुनीता यादव का काव्य-पाठ प्रसारित हुआ, जिसे सुनीता ने बहुत ही अलग ढंग से पेश किया। हमें इस कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई है, आपको भी सुनवाते हैं- उर्जा से भरपूर सुनीता यादव हैं - हमारी सप्ताह की ...

सुनिए करवाचौथ पर कविता तथा संगीतबद्ध गीत

करवाचौथ पर हिन्द-युग्म की खास पेशकश आज यानी की कार्तिक कृण्ण पक्ष की चतुर्थी को पूरे भारतवर्ष में सुहागिन स्त्रियाँ अपने पतियों की लम्बी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं। अभी पिछले सप्ताह हमने इसी त्यौहार को समर्पित शिवानी सिंह का गीत 'ऐसा नहीं कि आज मुझे चाँद चाहिए, मुझको तुम्हारे प्यार में विश्वास चाहिए' ज़ारी किया था। हिन्द-युग्म आज इन्हीं सुहागनों को अपने ख़जाने से एक कविता समर्पित कर रहा है। हमने इस वर्ष के विश्व पुस्तक मेला में अपना पहला संगीतबद्ध एल्बम ज़ारी किया था, जिसमें १० कविताओं और १० गीतों का समावेश था। इसी एल्बम की एक कविता है 'करवाचौथ' जिसे विश्व दीपक 'तन्हा' ने लिखा है। इस कविता को आवाज़ दी है रूपेश ऋषि ने। इस कविता के तुरंत बाद हमने इसी एल्बम में सुनीता यादव द्वारा स्वरबद्ध किया तथा गाया हुआ गीत 'तू है दिल के पास' । हम समझते हैं कि अपने पतियों की लम्बी उम्र की आकांक्षी महिलाओं को हमारा यह उपहार ज़रूर पसंद आयेगा। विश्वास का त्योहार ओ चाँद तुझे पता है क्या? तू कितना अनमोल है देखने को धरती की सारी पत्नियाँ बेसब्र फलक को ताकेंगी ...

लता मंगेशकर को अपना रोल मॉडल मानती हैं, गायिका -मानसी पिम्पले, आवाज़ पर इस हफ्ते का उभरता सितारा

आवाज़ पर इस हफ्ते की हमारी "फीचर्ड आर्टिस्ट" हैं - मानसी पिम्पले, हिंद युग्म पर अपने पहले गीत " बढ़े चलो " से चर्चा में आयीं मानसी रमेश पिम्पले , मूल रूप से महाराष्ट्र से हैं, और इन्हे हिंद युग्म से जोड़ने का श्रेय जाता है, युग्म की बेहद सक्रिय कवयित्री सुनीता यादव को. मानसी इन्हीं की शिष्या थीं कभी, और तभी से सुनीता ने इनके हुनर को परख लिया था. मानसी ने अभी-अभी ही अपनी बारहवीं की पढ़ाई पूरी की है, और अब अपने कैरियर से जुड़ी दिशा की तरफ़ अग्रसर है. संगीत को अपना जनून मानने वाली मानसी, लता जी को अपना रोल मॉडल मानती हैं, तथा आज के दौर के, श्रेया घोषाल और शान इनके सबसे पसंदीदा गायिका/गायक हैं. Zee tv के कार्यक्रम Hero Honda सा रे गा मा पा, के लिए भी मानसी का चुनाव हुआ था,जहाँ हिमेश रेशमिया भी बतौर जज़ मौजूद थे, पर नियति ने शायद पहले ही, उनकी कला को दुनिया तक पहुँचने का माध्यम, हिंद युग्म को चुन लिया था. चित्रकला और टेबल टेनिस का भी शौक रखने वाली मानसी, युग्म को एक शानदार प्लेटफोर्म मानती हैं, नए कलाकारों के लिए. जब हमने उनसे बात की तो वो अपने पहले गीत को मिली आपार सराहना...