ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 529/2010/229 इ लाहाबाद के पास स्थित प्रतापगढ़ ज़िले के रानीगंज के बाबूपट्टी में एक कायस्थ परिवार में जन्म हुआ था प्रताप नारायण श्रिवास्तव और सरस्वती देवी के पुत्र का। घर पर प्यार से उन्हें 'बच्चन' कह कर पुकारते थे, जिसका अर्थ है "बच्चे जैसा"। 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के दोस्तों, नमस्कार, और स्वागत है 'दिल की कलम से' शृंखला की इस कड़ी में। पहली लाइन को पढ़कर आप समझ चुके होंगे कि आज जिस साहित्यकार की चर्चा हम कर रहे हैं, वो और कोई नहीं डॊ. हरिवंशराय बच्चन हैं। हरिवंशराय की शिक्षा एक स्थानीय म्युनिसिपल स्कूल में हुई और अपने पारिवारिक परम्परा को बनाये रखते हुए कायस्थ पाठशाला में उर्दू सीखने लगे। बाद में उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू युनिवर्सिटी से भी शिक्षा अर्जित की। इसी दौरान वो स्वाधीनता संग्राम से जुड़ गये, महात्मा गांधी के नेतृत्व में। उन्हें यह अहसास हुआ कि यह राह वो राह नहीं जिस पर उन्हें आगे चलना है। इसलिए वो विश्वविद्यालय वापस चले गए। १९४१ से १९५२ तक वो इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी पढ़ाते रहे, और उसके बाद द...