Skip to main content

Posts

Showing posts with the label festival of lights

शब्दों के चाक पर - २०

" ज्योति कलश छलके " साल की सबसे अंधेरी रात में दीप इक जलता हुआ बस हाथ में लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी। दीपावली का पर्व प्रकाश का उत्सव है। ज्ञान का प्रकाश, उपहार, उल्लास, और प्रेम के इस पावन पर्व पर "शब्दों के चाक पर" की एक ज्योतिर्मयी प्रस्तुति हमारे श्रोताओं की सेवा में समर्पित है। नई ज्योति के धर नए पंख झिलमिल, उड़े मर्त्य मिट्टी गगन स्वर्ग छू ले, लगे रोशनी की झड़ी झूम ऐसी, निशा की गली में तिमिर राह भूले, खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग, ऊषा जा न पाए, निशा आ ना पाए जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। दोस्तों, आज की कड़ी में हमारा विषय है - " ज्योति का पर्व "। जीवन में प्रकाश और तमस की निरंतर चल रही कशमकश की कविताएं पिरोकर लाये हैं आज हमारे विशिष्ट कवि मित्र। पॉडकास्ट को स्वर दिया है अभिषेक ओझा ओर अनुराग शर्मा ने, स्क्रिप्ट रची है विश्व दीपक ने, सम्पादन व संचालन है अनुराग शर्मा का, व सहयोग है वन्दना गुप्ता का। आइये सुनिए सुनाईये ओर छा जाईये ... (नीचे दिए गए किसी भी प्लेयेर से सुनें) ...