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प्लेबैक इंडिया ब्रोडकास्ट -वर्षा कालीन राग (पहला भाग)

प्लेबैक इंडिया ब्रोडकास्ट के इस ग्यारहवें एपिसोड के साथ आज हम अपने बोर्ड में शामिल कर रहे हैं हमसे जुडी नयी हमसफ़र संज्ञा टंडन जी को. संज्ञा जी १९७७ में रायपुर आकाशवाणी केंद्र की पहली भुगतान प्राप्त बाल कलाकार हैं. १९८६ से १९८८ तक आप युववाणी उद्गोषिका रही,  तत्पश्चात १९९१ से बिलासपुर आकाशवाणी की निमेत्तिक उद्गोषिका हैं. संज्ञा जी ने छत्तीसगढ़ के लगभग सभी आकशवाणी केन्द्रों के लिए प्रायोजित कार्यक्रमों का निर्माण किया है. हर प्रकार के कार्यक्रमों के मंच संचालन में माहिर संज्ञा जी एक सफल ऑनलाईन वोईस ओवर आर्टिस्ट भी हैं. आईये सुनें उनकी आवाज़ में आज वर्षा कालीन राग कार्यक्रम का ये पहला भाग. स्क्रिप्ट है स्वर गोष्टी के संचालक कृष्णमोहन मिश्र जी की.

10 गज़लों गीतों के माध्यम से याद करें महान मेहदी हसन साहब को

तालियों की गडगडाहट से गूँजता सभागार और सुरों को अपने तान में समेटती मेहदी हसन साहब की आवाज़. दोस्तों शायद अब ये समां कभी किसी संगीत प्रेमी को देखना नसीब नहीं हो सकेगा क्योंकि खुदा ने उन्हें हम सब से छीनकर अपने पास बुला लिया है ताकि जन्नतें भी उनकी महफिलों से रोशन हो सके. पर उनकी आवाज़ का बेशकीमती खज़ाना तो आज भी हमारे पास सुरक्षित है और ये जादू, कभी कम नहीं हो सकेगा इस बात को हर संगीत प्रेमी स्वीकार करेगा. दोस्तों सुनिए हमारा ये खास कार्यक्रम, जिसके माध्यम से हम श्रद्धान्जली दे रहे हैं शहंशाह-ए-ग़ज़ल मेहदी हसन साहब को, स्क्रिप्ट है विश्व दीपक की और स्वर है सजीव सारथी का. लगभग ढेढ घंटे के इस पोडकास्ट में आपको मिलेंगें मेहदी साहब के गायन के कई मुक्तलिफ़ अंदाज़. तो दोस्तों कुछ समय के लिए अपने रोजमर्रा के काम से मुक्त होकर डूब जाईये सुरों के इस अथाह समुन्दर में जिसका नाम है मेहदी हसन.  आपकी सुविधा के लिए हम लिखित स्क्रिप्ट यहाँ संलग्न कर रहे हैं  स्वर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने जिनके वो सबसे प्रिय गायक थे, उनके इन्तेकाल की खबर सुनकर कहा ...

बॉलीवुड की यादगार जोडियाँ

100 शानदार वर्ष पूरे करने की कगार पर है हमारा सिनेमा. विभिन्न आयोजनों के माध्यम से हम टटोल रहे हैं इन सौ यादगार वर्षों से कुछ खट्टे मीठे पल. अमूमन हर फिल्म में सबसे प्रमुख दो कलाकार होते हैं, एक   नायक और एक नायिका. रुपहले परदे पर जाने कितने नायक नायिकाओं की जोडियाँ बनी, इनमें से कुछ जोड़ियों को फिल्मकारों ने बार बार कई बार दोहराया, क्योंकि उनकी आपसी केमिस्ट्री, परदे पर उनका रोमांस दर्शकों के मन को रिझाने में कामियाब रहा था. कभी कभी इन जोड़ियों का ओन स्क्रीन प्रेम उनके व्यक्तिगत जीवन में उथल पुथल मचा गया तो कभी इन कलाकारों ने परदे से बाहर एक दूसरे से दूरी बनाये रखने को ही बेहतर समझा. इन यादगार जोड़ियों पर एक पड़ताल है हमारा ये ब्रोडकास्ट. स्क्रिप्ट और प्रतुतिकरण है सजीव सारथी का. सुनिए और अपनी राय हम तक पहुंचायिये.  

वापसी को तैयार स्वप्न सुंदरियाँ

एक दौर था जब अभिनेत्रियों का करियर बेहद सीमित हुआ करता था, मगर अब विवाहित और माँ बन चुकी अभिनेत्रियों के लिए भी विषय चुनकर उन्हें वापसी का मौका दिया जा रहा है. आईये इस श्रृंखला में नज़र दौडाएं कुछ ऐसी ही वापसी को तैयार बीते दौर की स्वप्न सुंदरियों पर.

बिग ब्रेक सॉंग्स - पहला खण्ड

दोस्तों, गायन के क्षेत्र में हजारों प्रतिभाएँ मंच और मौके मिलने के बावजूद सिर्फ इसलिए अनसुनी अनगुनी रह जाती हैं क्योंकि उन्हें वो "बिग ब्रेक सोंग" नहीं मिल पाता जो उन्हें इंडस्ट्री में स्थापित कर दे. बिग ब्रेक सोंग्स यानी वो गीत, जिसके बाद किसी गायक को फिर अपनी क़ाबलियत साबित करने की आवश्यकता नहीं पड़े, बिग ब्रेक सोंग्स यानी वो गीत जो किसी गायक को घर घर का जाना माना नाम बना दें. बिग ब्रेक सोंग्स के इस पहले सेगमेंट हम चर्चा कर रहे हैं कुमार सानु, उदित नारायण, अलका याग्निक, कविता कृष्णमूर्ति, सोनू निगम, शान, अलीशा चिनॉय, शंकर महादेवन और हरिहरण के करियर में आये बिग ब्रेक सोंग्स की -

जासूस बॉलीवुड के

गोलियों की बरसात उसे छू भी नहीं पाती, उसका दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता है, वो भेष बदल कर किसी को भी चकमा दे देता है, देश और दुनिया को बचाने के लिए वो जान पर भी खेल जाता है. ये हैं फ़िल्मी जासूस. जासूसी फिल्मों का ये जोनर हमारी हिंदी फिल्मों में बेहद कंजूसी से इस्तेमाल हुआ है जबकि होलीवुड में इनकी भरमार है जहाँ बोंड, होक और हिच्कोक दर्शकों को सालों से मनोरजन दे रहे हैं. कुछ दिनों पहले प्रदर्शित एजेंट विनोद ने नए सिरे से हमारे लिए इस जोनर को परिभाषित किया, चलिए जरा गुजरे ज़माने में झाके और देखें की किन किन जासूसो ने इससे पहले हमारे दिलों पर राज़ किया है.

डाकू ड्रामा - हिंदी फिल्मों के यादगार डाकू किरदार

तिग्मांशु धुलिया की नयी फिल्म में इरफ़ान खान ने "पान सिंह तोमर" की भूमिका निभायी है. पग बाधा दौड के एक राष्ट्रीय चेम्पियन की डकैत में तब्दील हो जाने की वास्तविक कथा है ये, जिसे इरफ़ान ने परदे पर साकार किया है. यूं आज की पीढ़ी के लिए डाकू या डकैत हैरत पैदा कर सकते हों पर नब्बे के दशक तक भी देश के कई बीहड़ इलाकों में अनेकों डाकुओं की सक्रियता देखी गयी थी इनमें से कुछ तो लोगों की नज़र में किसी हीरो से कम बिसात नहीं रखते थे, पान सिंह भी उन्हीं में से एक था. फ़िल्मी परदे पर भी अनेकों अभिनेताओं ने समय समय पर डाकुओं की भूमिका कर कभी दर्शकों की नफ़रत तो कभी सहानुभूति "लूटी" है. कुछ कलाकार इन भूमिकाओं में इतना यादगार अभिनय कर गए हैं कि यही भूमिका उनके अभिनय सफर की पहचान कहलाई जाने लगी. डाकू नामा में आईये कुछ ऐसे ही यादगार किरदारों पर नज़र दौडाएं.

"कहानी" में गूंथे मधुर गीत अन्विता दास और विशाल शेखर ने

रेडियो प्लेबैक की राय में कैसा है विध्या बालन अभिनीत "कहानी" का संगीत, सुनिए इस अल्बम रिव्यू में -

अधूरी रह गयी जिनकी कहानियाँ - सपूर्ण एपिसोड्स

रेडियो प्लेबैक इंडिया का पहला ब्रोडकास्टिंग प्रोग्राम "अधूरी रह गयी जिनकी कहानियाँ" पेशे नज़र है, इस कार्यक्रम के माध्यम से हम याद कर रहे हैं कुछ ऐसे कलाकारों को जिनकी सफर बीच राह में ही खत्म हो गया. सुनिए और अपनी राय हम तक पहुंचाएं

सितम्बर माह के कवि सम्मेलन के लिए अपनी रिकॉर्डिंग भेजें

पिछले दो महीनों से हम पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। दूसरे अंक से मृदुल कीर्ति ने संयोजन की जिम्मेदारी सम्हाली है। हम उत्साह से लबरेज़ हैं और तीसरे पॉडकास्ट सम्मेलन के लिए कवियों से कविताओं की रिकॉर्डिंग आमंत्रित करते हैं। कृपया अपनी आवाज़ में अपनी १ या १ से अधिक रचनाओं का पाठ करके २४ सितम्बर २००८ तक podcast.hindyugm@gmail.com पर भेज दें। यदि रिकॉर्डिंग करने में परेशानी आये तो हमारा मुफ़्त ट्यूटोरियल देखें। हमें उम्मीद है कि इस बार बहुत से कवि इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन में भाग लेंगे। पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का दूसरा अंक पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का पहला अंक

ऑनलाइन अभिनय और काव्यपाठ का मौका

आवाज़ पर हम कहानियों और कविताओं का पॉडकास्ट प्रकाशित करते आये हैं। कहानी-कलश की कहानियों के पॉडकास्ट के प्रसारण के तहत हमने सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर' , राजीव रंजन प्रसाद की कहानी 'ज़िंदा हो गया है' और रंजना भाटिया की कहानी 'एक और मुखौटा' का प्रसारण किया है। श्रोताओं से बहुत अच्छी प्रतिक्रियाएँ मिलीं। कहानी के पॉडकास्ट के प्रसारण के लिए अब से हम कहानियों के पॉडकास्ट के माध्यम से सभी श्रोताओं को अभिनय का मौका दे रहे हैं। हम प्रत्येक माह एक कहानी चुनकर आपको देंगे, जिसमें आप निम्न तरह से अपनी आवाज़ दे सकते हैं- कहानी का नैरेटर (वाचक) बनकर किसी एक पात्र के सभी संवादों को रिकॉर्ड करके सभी पात्रों के संवादों को आवाज़ देकर हमारी संपादकीय टीम को जिस पॉडकास्टर की आवाज़, जिस भाग के लिए बढ़िया लगेगी, उसका इस्तेमाल करके संपूर्ण कहानी का पॉडकास्ट तैयार किया जायेगा और प्रसारित किया जायेगा। इस बार के लिए हमने जिस कहानी को चुना है वो है नवलेखन पुरस्कार प्राप्त कहानी 'स्वेटर' । आप कहानी पढ़ें और अपनी रिकॉर्डिंग १८ अगस्त २००८ तक podcast.hindyugm@gmail.com पर भ...