गाना: तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा चित्रपट: धूल का फूल संगीतकार: एन. दत्ता गीतकार: साहिर लुधियानवी गायक: रफ़ी तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा इन्सान की औलाद है इन्सान बनेगा अच्छा है अभी तक तेरा कुछ नाम नहीं है तुझ को किसी मज़हब से कोई काम नहीं है जिस इल्म ने इन्सानों को तक़सीम किया है इस इल्म का तुझ पर कोई इल्ज़ाम नहीं है तू बदले हुए वक़्त की पहचान बनेगा इन्सान की औलाद है इन्सान बनेगा मालिक ने हर इन्सान को इन्सान बनाया हमने उसे हिन्दू या मुसलमान बनाया क़ुदरत ने तो बख़्शी थी हमें एक ही धरती हमने कहीं भारत कहीं ईरान बनाया जो तोड़ दे हर बंद वह तूफ़ान बनेगा इन्सान की औलाद है इन्सान बनेगा नफ़रत जो सिखाए वो धरम तेरा नहीं है इन्साँ को जो रौंदे वो क़दम तेरा नहीं है क़ुरान न हो जिसमें वह मंदिर नहीं तेरा गीता न हो जिस में वो हरम तेरा नहीं है तू अमन का और सुलह का अरमान बनेगा इन्सान की औलाद है इन्सान बनेगा यह दीन के ताज़िर, यह वतन बेचनेवाले इन्सानों की लाशों के कफ़न बेचनेवाले यह महलों में बैठे हुए क़ातिल, यह लुटेरे काँटों के एवज़ रूह-ए-चमन बे...