अंक - 16 विनोद खन्ना की पहली फ़िल्म ’मन का मीत’ की बातें "हीरो नहीं बन सकते, हाँ, विलेन बनने की कोशिश करना..." ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ में आपका हार्दिक स्वागत है। विनोद खन्ना (6 अक्टुबर 1946 - 27 अप्रैल 2017) 27 अप्रैल को फ़िल्म जगत के जानेमाने अभिनेता विनोद खन्ना का 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। चला गया फ़िल्म जगत का एक सदाबहार हीरो और पीछे छोड़ गया न जाने