लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में दीपक मशाल की लघुकथा " बेचैनी " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है अनूप शुक्ल का व्यंग्य बस मुस्कुराते रहें , जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत लघुकथा " बस मुस्कुराते रहें " का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 44 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। ई ससुर मोहब्बत भी एक बड़ा बवाल होता है, मसला कौनौ नहीं सीधा, सब गोलमाल होता है। ~ अनूप शुक्ल हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "अरे भाई कोई जबरदस्ती है। हम आपके कहने से मुस्करायेंगे? हम अपने आप मुस्करायेंगे- कीप स्माइलिंग का डोज लिये हैं।” ( अ...