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राग भैरव : SWARGOSHTHI – 316 : RAG BHAIRAV

स्वरगोष्ठी – 316 में आज संगीतकार रोशन के गीतों में राग-दर्शन – 2 : राग भैरव में लोरी राग भैरव में निबद्ध प्रभा अत्रे से शिव-स्तुति और लता मंगेशकर से लोरी सुनिए ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के मंच पर ‘स्वरगोष्ठी’ की नई श्रृंखला “संगीतकार रोशन के गीतों में राग-दर्शन” की दूसरी कड़ी के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। मित्रों, इस श्रृंखला में हम फिल्म जगत में 1948 से लेकर 1967 तक सक्रिय रहे संगीतकार रोशन के राग आधारित गीत प्रस्तुत कर रहे हैं। रोशन ने भारतीय फिल्मों में हर प्रकार का संगीत दिया है, किन्तु राग आधारित गीत और कव्वालियों को स्वरबद्ध करने में उन्हें विशिष्टता प्राप्त थी। भारतीय फिल्मों में राग आधारित गीतों को स्वरबद्ध करने में संगीतकार नौशाद और मदन मोहन के साथ रोशन का नाम भी चर्चित है। इस श्रृंखला में हम आपको संगीतकार रोशन के स्वरबद्ध किये राग आधारित गीतों में से कुछ गीतों को चुन कर सुनवा रहे हैं और इनके रागों पर चर्चा भी कर रहे हैं। इस परिश्रमी संगीतकार का पूरा नाम रोशन लाल नागरथ था। 14 जुलाई 1917 को तत्काल

स्वरगोष्ठी – 137 में आज : ‘मन रे हरि के गुण गा...’

  स्वरगोष्ठी – 137 में आज रागों में भक्तिरस – 5 ध्रुवपद अंग में राग भैरव का रंग ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की पाँचवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, एक बार पुनः आप सब संगीत-रसिकों का स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपके लिए संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस राग पर आधारित फिल्म संगीत के उदाहरण भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला के आज के अंक में हम आपसे राग भैरव पर चर्चा करेंगे जो भक्तिरस की सृष्टि करने में सबसे उपयुक्त राग है। भारतीय संगीत के इस प्राचीनतम राग में आज हम आपको एक ध्रुवपद रचना सुनवाएँगे। साथ ही इस राग पर आधारित, 1957 में प्रदर्शित फिल्म ‘मुसाफिर’ से एक मधुर भक्तिगीत प्रस्तुत करेंगे।   इ स श्रृंखला के पिछले अंकों में हम यह चर्चा कर चुके हैं कि वर्तमान भारतीय संगीत की परम्परा वैदिक काल से जुड़ी है। उस काल के उपलब्ध प्रमाणों से यह स्पष्ट हो जाता है कि तत्कालीन संगीत का स्वरूप धर्म और आध्यात्म से प्रभावित था। वैदि