हिन्दी भाषा तथा साहित्य की जितनी सेवा हिन्दी को उच्च-शिक्षा के दरम्यान विषय न रखने वाले हिन्दी-प्रेमियों ने की है, उतनी शायद हिन्दी साहित्य में शोध तक करने वाले हिन्दीविदों ने भी नहीं की। कई हिन्दी प्रेमियों के लिए उनकी भाषा ही खाना-पीना व ओढ़ना-बिछाना है। ऐसे ही एक हिन्दी प्रेमी हैं आदित्य प्रकाश । आदित्य प्रकाश से इंटरनेट पर विचरने वाले ज्यादातर हिन्दी प्रेमी परिचित हैं। डैलास, अमेरिका से और इंटरनेट से चौबीसों घंटे चलने वाले एफ एम चैनल 'रेडियो सलाम नमस्ते' पर हर रविवार स्थानीय समय अनुसार रात्रि 9 बजे उनकी आवाज़ सुनाई देती है। आदित्य प्रकाश अंतराष्ट्रीय हिन्दी समिति की ओर से संकल्पित हिन्दी कविता के विशेष कार्यक्रम 'कवितांजलि' को प्रस्तुत करते हैं। यह कार्यक्रम अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। 'कवितांजलि' की सराहना कई कारणों से ज़रूरी है। भारत में, जहाँ कि हिन्दी बहुत बड़े भूभाग पर बोली जाती है, वहाँ के रेडियो चैनलों या अन्य मीडिया माध्यमों में कवितांजलि जैसे कार्यक्रम नहीं होते। यदि होते भी हैं तो बहुत ही स्थानीय स्तर पर। राष्ट्रीय रेडियो चैनलों में 1-2...