गाना: जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की चित्रपट: ऊंचे लोग संगीतकार: चित्रगुप्त गीतकार: मजरूह सुलतान पुरी स्वर: रफी (जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की बसी हुई ज़ुल्फ़ में आयी है सबा प्यार की ) - २ जाग दिल-ए-दीवाना (दो दिल के कुछ लेके पयाम आयी है चाहत के कुछ लेके सलाम आयी है ) - २ दर पे तेरे सुबह खड़ी हुई है दीदार की जाग दिल-ए-दीवाना (एक परी कुछ शाद सी नाशाद सी बैठी हुई शबनम में तेरी याद की ) - २ भीग रही होगी कहीं कली सी गुलज़ार की जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की बसी हुई ज़ुल्फ में आयी है सबा प्यार की जाग दिल-ए-दीवाना