गाना: जिन रातों की भोर नहीं हैं, आज ऐसी ही रात आई चित्रपट: दूर गगन की छाँव में संगीतकार: किशोर कुमार गीतकार: शैलेन्द्र स्वर: किशोर कुमार जिन रातों की भोर नहीं है आज ऐसी ही रात आई जो जिस ग़म में डूब गया है सागर की है गहराई रात के तारों तुम ही बताओ मेरी वो मंज़िल है कहाँ पागल बनकर जिसके लिये मैं खो बैठा हूँ दोनो जहाँ जिन रातों ... राह किसी की हुई ना रोशन जलना मेरा बेकार गया लूट गई तक़दीर मुझे मैं जीत के बाज़ी हार गया जिन रातों की भोर नहीं है ...