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एक मुलाकात जरूरी है || एपिसोड 06 || महबूब

Famous Bollywood Lyricist of films like Bombay, Rangeela, Takshak, and Hum Dil De Chuke Sanam, Mehboob is in conversation with Sajeev Sarathie, for Radio Playback India weekly program Ek Mulakaat Zaroori Hai. Technical Help provided by Sangya Tandon and Mehboob Tribute singer is Susheel P, Hope you enjoy this conversation... Thank you Through this Podcast Series, we broadcast interviews of the artists from film, music and literature world, it will help listeners to know better about their favorite personalities from the world of entertainment and literature, conducted by Sajeev Sarathie आप हमारे इस पॉडकास्ट को इन पॉडकास्ट साईटस पर भी सुन सकते हैं  Spotify Amazon music   Google Podcasts Apple Podcasts Gaana JioSaavn हम से जुड़ सकते हैं - facebook  instagram  YouTube  To Join the Ek Mulkaat Zaroori Hai  team, please write to sajeevsarathie@gmail.com  Hope you like this initiative, give us your feedback on radioplaybackdotin@gmail.com

गीत अतीत 25 || हर गीत की एक कहानी होती है || कहना ही क्या || बोम्बे || महबूब || ऐ आर रहमान || के एस चित्रा

Geet Ateet 25 Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... (Silver Jubilee Episode) Kehna Hi Kya Bombay Mehboob  Also featuring A R Rahman & K S Chitra " मणि सर ने जैसे मेरा चेहरा पढ़ लिया था, पूछने लगे महबूब क्या बात है , क्या तुम गाने से खुश नहीं हो ? " -    महबूब   गीत अतीत ; हर गीत की एक कहानी होती है के इस सिल्वर जुबली एपिसोड में पेश है सदाबहार क्लासिक गीत "कहना ही क्या" के बनने की ऐसी दिलचस्प दास्ताँ जिससे बहुत कम ही संगीत प्रेमी वाकिफ होंगें. लीजेंडरी गीतकार महबूब साहब आज हैं हमारे मेहमान. जानिए क्यों हम मनीषा कोइराला को इस गीत में थिरकते देखने से वंचित रह जाते अगर महबूब भाई के सुझाव को मणि रत्नम ने नहीं माना होता, प्ले पर क्लिक करे और अभी सुनें... डाउनलोड कर के सुनें  यहाँ  से.... सुनिए इन गीतों की कहानियां भी - ओ रे रंगरेज़ा (जॉली एल एल बी) मैनरलैस मजनूं (रंनिंग शादी डॉट कॉम) रंग (अरविन्द तिवारी, गैर फ़िल्मी सिंगल) हमसफ़र (बदरी की दुल्हनिया) सनशाईन (गैर फ़िल्मी सिंगल) हौले हौले (गैर फ़िल्मी स...

गोल्डन ग्लोब ए आर रहमान ने कहा "करोड़ों भारतीयों" को सलाम

बात सन् ९६ की है। ४ सालों से बिना रूके, बिना थके फिल्मों में म्युजिक देने के बाद रहमान कुछ अलग करना चाहते थे। दीगर बात है कि कलाकार सीमाओं में अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाता और फिल्मों में संगीत देना सीमा में बँधने जैसा हीं है। निर्माता-निर्देशक,कहानी-पटकथा सबकी बात सुननी होती है।तो हुआ यूँ कि स्क्रीन अवार्ड्स के लिए रहमान मुंबई आए हुए थे और एक होटल में ठहरे थे। अचानक उन्हें कुछ ख्याल आया और उन्होंने अपने बचपन के दोस्त जी० भरत को तलब किया। जी० भरत यानि भरत बाला ने रहमान के साथ लगभग १०० से ज्यादा जिंगल्स पर काम किया था। रहमान और भरत के बीच संगीत पर चर्चा हुई। बातों-बातों में उन दोनों ने अपने अगले एलबम का प्लान कर लिया। उसी साल अंतर्राष्ट्रीय ख्याति-लब्ध म्युजिक कंपनी "सोनी म्युजिक" का भारतीय संगीत-उद्योग में आना हुआ । सोनी भारतीय कलाकारों को प्रोत्साहित करने के बहाने बाज़ार में पाँव जमाना चाहती थी। सोनी के मैनेजिंग डायरेक्टर "विजय सिंह" के दिमाग में जिस पहले बंदे का नाम आया वह थे ए०आर० रहमान । सोनी ने रहमान के साथ तीन कैसेट्स का अनुबंध किया। रहमान ने भरत बाला के साथ ज...