महान फनकारों के सुरों से सुर मिलते आज हम आ पहुंचे हैं रिवाईवल की अंतिम कड़ी में ये कहते हुए - तू भी मेरे सुर में सुर मिला दे...
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ४५ पि छले ४५ दिनों से, यानी डेढ़ महीनों से आप 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर सुन रहे हैं रिवाइवल सुनहरे दौर के सदाबहार नग़मों का, जिन्हे हमारे कुछ जाने पहचाने साथियों की आवाजों में। आज हम आ पहुँचे हैं इस विशेष शृंखला की अंतिम कड़ी पर। इस शृंखला में जिन जिन गायक गायिकाओं ने हमारे सुर में सुर मिला कर इस शृंखला को इस सुरीले अंजाम तक पहुँचाया है, हम उन सभी कलाकारों का तह-ए-दिल से शुक्रिया अदा करते हैं, और साथ ही साथ हम आप सभी सुधी श्रोताओं का भी आभार व्यक्त करते हैं जिन्होने इन गीतों को सुन कर अपनी राय और तारीफ़ें लिख भेजी। तो आइए आज इस सुरीली शृंखला को एक सुरीला अंजाम प्रदान करते हैं और सुनते हैं फ़िल्म 'चितचोर' से "तू जो मेरे सुर में सुर मिला ले, संग गा ले, तो ज़िंदगी हो जाए सफल"। आपको बता दें कि इस गीत के लिए हेमलता को उस साल का फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड मिला था। इससे पहले कि आप यह गीत सुनें, इस गीत की रिकार्डिंग् की कहानी सुनिए ख़ुद हेमलता से जो उन्होने विविध भारती के एक इंटरव्यू में कहे थे। "इस गीत की रिकार्डिंग् के दिन मैं स्टुडियो लेट पहुँची। क