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वो चाँद मुस्कुराया सितारे शरमाये....मजरूह साहब ने लिखा था इस खूबसूरत युगल गीत को

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 123 १९५६ में फ़िल्म 'चोरी चोरी' में लता मंगेशकर और मन्ना डे का गाया एक बड़ा ही मशहूर 'रोमांटिक' युगल गीत आया था "ये रात भीगी भीगी ये मस्त फ़िजायें", जिसने लोकप्रियता की सारी हदें पार कर दी थी और आज एक सदाबहार नग़मा बन कर फ़िल्म संगीत के स्वर्ण युग का प्रतिनिधित्व करने वाले गानों में शामिल हो गया है। शंकर जयकिशन द्वारा स्वरबद्ध यह गीत लता-मन्ना के गाये युगल गीतों में बहुत ऊँचा स्थान रखता है। इस फ़िल्म के बनने के ठीक दो साल बाद, यानी कि १९५८ में एक फ़िल्म आयी थी 'आख़िरी दाव'। फ़िल्म में संगीत था मदन मोहन का। यूँ तो इस फ़िल्म के सभी गीत मोहम्मद रफ़ी और आशा भोंसले ने गाये थे, लेकिन एक युगल गीत लता और मन्ना दा की आवाज़ में भी था। अभी अभी हमने फ़िल्म 'चोरी चोरी' के उस मशहूर गीत का ज़िक्र इसलिए किया क्यूंकि फ़िल्म 'आख़िरी दाव' का यह गीत भी कुछ कुछ उसी अंदाज़ में बनाया गया था। गीत के बोल और संगीत संयोजन में समानता थी, तथा गायक कलाकार एक होने की वजह से इस गीत को सुनते ही उस गीत की याद आ जाती है। आज 'आखिरी दाव' फ