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राग मध्यमाद सारंग : SWARGOSHTHI – 476 : RAG MADHYAMAD SARANG : पण्डित जसराज को श्रद्धांजलि

अष्टछाप गायकी के संवाहक पण्डित जसराज को "रेडियो प्लेबैक इण्डिया" की भावभीनी श्रद्धांजलि   स्वरगोष्ठी – 476 में आज   काफी थाट के राग – 20 : राग मध्यमाद सारंग   पण्डित जसराज से राग मध्यमाद सारंग में एक रागदारी संगीत की रचना और मुकेश से फिल्म का गीत सुनिए  स्मृतशेष पण्डित जसराज मुकेश  “रेडियो प्लेबैक इण्डिया” के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी श्रृंखला “काफी थाट के राग” की बीसवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत प्रेमियों का भरे हुए हृदय से स्वागत करता हूँ। आज का यह अंक भारतीय संगीत के मूर्धन्य सितारे पण्डित जसराज की स्मृतियों को समर्पित है। भारतीय संगीत के अन्तर्गत आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट व्यवस्था है। भारतीय संगीत में सात शुद्ध, चार कोमल और एक तीव्र अर्थात कुल बारह स्वरों का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए इन बारह स्वरों में से कम से कम पाँच का होना आवश्यक होता है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है। सप्तक के बारह में से मुख्य सात स्वरों के क्रमानुसार समुदाय को थाट कहते हैं, जिससे राग उत्पन्न ह...