अंक - 56 फ़िल्मों में फ़ैज़ "ये वो सहर तो नहीं..." ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! स्वागत है आप सभी का ’चित्रकथा’ स्तंभ में। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें हम लेकर आते हैं सिनेमा और सिनेमा-संगीत से जुड़े विषय। श्रद्धांजलि, साक्षात्कार, समीक्षा, तथा सिनेमा के विभिन्न पहलुओं पर शोधालेखों से सुसज्जित इस साप्ताहिक स्तंभ की आज 54-वीं कड़ी है। 13 फ़रवरी को उर्दू के मशहूर शायर और लेखक फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की 108-वीं जन्म-जयन्ती दुनिया भर में मनायी गई। बामपंथी विचारधारा रखने वाले फ़ैज़ को अपने उसूलों के लिए जेल भी जाना पड़ा और अपने वतन से आत्मनिर्वासित भी हुए। मार्क्सवादी फ़ैज़ को 1962 में सोवियत संघ ने ’लेनिन शान्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया। साहित्य में उनके अमूल्य योगदान के लिए पाक़िस्तान सरकार ने 1990 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ’निशान-ए-इम्...