'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी  के स्वर में साधना वैद्य  की लघुकथा फ़ैशनपरस्त  का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं गिरिजा कुलश्रेष्ठ  की कहानी "तमाशा" , जिसे स्वर दिया है, शीतल माहेश्वरी  ने।   कहानी का कुल प्रसारण समय 6 मिनट 55 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।   यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।            गिरिजा कुलश्रेष्ठ     आकाशवाणी पर रचनाओं का प्रसारण। प्रकाशित पुस्तकें - संवेदना की नम धरा पर; एक फुट के मजनू मियाँ; तीन अध्याय; मौन का दर्पण। अनेक साझा काव्य संग्रहों में व साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित    हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी   " माइक सम्हाले एक भारी भरकम आदमी ने बोलना शुरू किया। "  ( गिरिजा कुलश्रेष्ठ की "तमाशा" से एक अंश )    नीचे के ...
