गाना: आज मेरे मन में सखी बाँसुरी बजाए कोई चित्रपट: आन संगीतकार: नौशाद अली गीतकार: शकील गायिका: लता ल: आ हा हा... आज मेरे मन में सखी बाँसुरी बजाए कोई आज मेरे मन में... आज मेरे मन में सखी बाँसुरी बजाए कोई प्यार भरे गीत सखी बार\-बार गाए कोई बाँसुरी बजाए... बाँसुरी बजाए, सखी गाए सखी रे, कोई छैलवा हो को: कोई अलबेलवा हो, कोई छैलवा हो ल: रँग मेरी जवानी का किए झूमता घर आया है सावन को: रँग मेरी जवानी का किए झूमता घर आया है सावन ल: आ हा हा... हो सखी, हो रे सखी, आया है सावन को: मेरे नैनों में है साजन ल: इन ऊँदी घटाओं में, हवाओं में सखी, नाचे मेरा मन हो सखी, नाचे मेरा मन को: हो आँगन में सावन मन\-भावन हो जी ल: हो, इन ऊँदी घटाओं में, हवाओं में सखी, नाचे मेरा मन को: लल्ला लाला ला लाला ल: दिल के हिंडोले पे मोहे झूले न झुलाए कोई को: प्यार भरे गीत सखी, बार\-बार गाए कोई ल: बाँसुरी बजाए सखी गाए सखी रे कोई छैलवा हो को: कोई अलबेलवा हो, कोई छैलवा हो ल: कहता है इशारों में कोई आ मोहे अम्बुआ के तले मिल को: भला वो कौन है घायल कहता है इशारों में कोई आ मोह...