गाना: गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा चित्रपट: चितचोर संगीतकार: रवीन्द्र जैन गीतकार: रवीन्द्र जैन गायक: येसुदास गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा मैं तो गया मारा, आके यहाँ रे उस पर रूप तेरा सादा चंद्रमा ज्यों आधा, आधा जवान रे गोरी तेरा गाँव... जी करता है मोर के पावं में पायलिया पहना दूं कूहु कूहु गाती कोयलिया को फूलों का गहना दूँ यहीं घर अपना बनाने को पंछी करे देखो तिनके जमा रे, तिनके जमा रे गोरी तेरा गाँव... रंग बिरंगे फूल खिले हैं लोग भी फूलों जैसे आ जाए एक बार यहाँ जो जाएगा फिर कैसे झर झर झरते हुए झरने, मन को लगे हरने ऐसा कहाँ रे, ऐसा कहाँ रे गोरी तेरा गाँव... परदेसी अंजान को ऐसे कोई नहीं अपनाता तुम लोगों से जुड़ गया जैसे जनम जनम का नाता अपनी धुन में मगन डोले लोग यहाँ बोले दिल की ज़ुबान रे, दिल के ज़ुबान रे गोरी तेरा गाँव बड़ा...